बारिश के बाद,
तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना
क्या होता हैँ अकेलापन...!-
सौरभ तिवारी सन्नी
(सौरभ तिवारी सन्नी)
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Joined 17 May 2019
20 DEC 2021 AT 7:25
19 DEC 2021 AT 18:43
जिन जख्मो से खून नहीं निकलता
समझ लेना
वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है!-
18 DEC 2021 AT 22:59
वो मुझसे से अचानक तो नहीं बिछडी
कई दिनो से थी "बेचैनी" उसे.!!-
18 DEC 2021 AT 22:20
काश कोई अपना संभाल ले मुझको,
बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह.!-
18 DEC 2021 AT 10:05
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर की तरह..!!-
17 JUN 2021 AT 23:05
हम भी सीखेंगे कुछ "चाँद" से,
अकेला तो हैँ, पर चमकता बहुत हैँ..-
28 MAY 2021 AT 15:58
सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं
और
जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया.!-
19 MAY 2021 AT 21:16
बरसे हुए पानी से सीखे वफाएं कोई
बादल तो अक्सर शहर बदल लेते हैं...!!-
6 MAY 2021 AT 19:06
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं, न हाल अच्छा है
किस बेरहम ने कहा था कि ये साल अच्छा हैं..!!-
6 MAR 2021 AT 19:24
ख़्वाब चुभते रहते हैं आँखों में
आंखों का रंग वैसे ही लाल थोड़ी है!-