" ईश्वर के विरुद्ध कार्य न करें "
ईश्वर के विरुद्ध कोई कार्य को यदि माता-पिता, संतान, व समाज करता है तो वह पाप व निंदनीय कार्य कहलाता है। अतः जीव को ईश्वर के न्यायानुरूप दंड भी अवश्य मिलेगा।-
पढ़िये , सोचिये और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे
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1. क्या ईश्वर एक है? यदि हां तो विभिन्न मत क्यों ?
2. क्या वेद संसार का सबसे प्राचीन ग्रंथ एवं ईश्वरीय ज्ञान है ?
3. क्या मनुष्य का धर्म एक ही है ? दो वा अनेक नहीं ?
4. विवाह करने से पूर्व किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
5. क्या कुरान एवं बाइबल मनुष्यकृत, अवैज्ञानिक, आप्रामाणिक, सृष्टिविरुद्ध, वेदविरुद्ध पुस्तकें हैं ?
6. क्या भागवतादि अठारह पुराणों के कर्ता व्यासमुनि हो सकते हैं ?
7. यदि बाल्यवस्था से सभी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा एवं व्यवस्था का एक जैसा स्वरूप हो तो क्या सभी देशवासियों को एक मतस्थ कर राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है ?
8. क्या ईश्वर के कार्यों में भूल चूक हो सकती है ?
9. क्या उन्नति का मार्ग - एक मत, एक हानि-लाभ , परस्पर एक सुख-दु:ख मानने में है ?
10. भिन्न-भिन्न भाषा, प्रथक-प्रथक शिक्षा, अलग-अलग व्यवहार से क्या राष्ट्र का विकास हो सकता है ?
Note: सभी आर्य बन्दुओं से निवेदन है कि राष्ट्रहित के लिये आपके अच्छे विचारों वालों से मुझे अवश्य मिलाए । आप हमसे जुड़िये और ऐसे क्रांतिकारी युवकों का निर्माण करिए जो अपने स्वार्थ से उठ कर राष्ट्रहित के स्वार्थ के लिये विचारने लगें ।
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ए क़ुरान के अल्लाह तू सुन रहा है न....
ए अल्लाह तू फिर से उन बहादुर मुगलों को भेज दे जिन्होंने इस भारत भूमि के कई मंदिरों को अनेकों बार तोड़ा, काफिरों की हत्या की, जबरन इस्लाम कुबूल कराया। उनसे कहना कि इन बुजदिलों (हिंदुओं) पर पुनः कत्लेआम कर देना और यह शुरुवात फिर से मंदिरों से, ब्राह्मणों से, पुजारियों से, ज्योतिषियों के कत्ल से करना। यह कत्लेआम तब तक करना जब तक कि सारे पाखण्डी ज्योतिषाचार्य, पंडित, अभिमानी ब्राह्मण नष्ट न हो जाये।
या अल्लाह तू सुन रहा है न....-
"Go back to Humanity(मानवता)"
मनुष्य(इंसान) धोखा नहीं देता जैसा कि उस एक ईश्वर ने सर्वप्रथम रचना की और हमको कई ऋषि-मुनि जैसे वैदिक वैज्ञानिक दिए। परंतु हिन्दू,मुस्लिम,ईसाई,सिख,जैन,बुद्ध ये सभी पाखण्डी धोखा देते है। जब से लोगों ने अपने को मजहबों में रंग लिया है तब से वो छलिया,कपटी,नीच,बुद्धिहीन,अंधविश्वासी,
पाखण्डी बन गया है।-
"Three idiots movie is my favourite"
Pk and OMG is also Superb movies. इसमें बताया बहुत कुछ है और ये movies hit भी हुई फिर भी public वही अंधविश्वास में लगी रहती है। और यह अंधविश्वास हिंदुओं , मुस्लिमों, जैनों, सिखों,ईसाईयों आदि में फिर भी व्याप्त है। इन सभी मतों के लोग यदि Logical thinking करेंगे तो लड़ाई झगड़े अपने आप खत्म किये जा सकते है। और अहिंसा के माध्यम से देश में शांति व्याप्त की जा सकती है।-
क्या आप भगवान श्री कृष्ण का अनुसरण करते है या आज के बाबाओं का ??
हमारे पूजनीय महापुरुष भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण आदि ने जीवन पर्यंत वेदों से प्राप्त विद्या का ही अनुसरण किया और अन्यों को प्रेरित भी किये इसी मार्ग के लिये। इन्होंने कभी किसी साधु-संतों के नाम जप करने वाली क्रिया कभी नहीं की। परंतु आज आधुनिक समय में गुरुडम का बोल बाला है और ये बाबा लोग नाम-जप या नाम दीक्षा के नाम पर भोली भाली जनता को बेबकूफ बना रहे हैं।
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सामान्य व्यक्ति शरीर को स्वस्थ रखने के उपाय, आजीवीकोपार्जन, घर-गृहस्थ के काम, पड़ोसी, मित्रों, सबंधियो और सहकर्मियों के सुख-दुःख में सम्मिलित होने, समाचार-पत्र, मनोरंजन, आलस्य और प्रमाद आदि में ही जीवन बिता देता है।
जिनमें धर्म के प्रति निष्ठा है वे ईश्वर भक्ति,सत्संग और धर्म-ग्रंथों व धार्मिक साहित्यों का अध्ययन करते हैं।
✍️✍️✍️ प्रो. रामविचार एम.ए.-
"भविष्यवाणी जो कि सच होनी है...."
मेरे द्वारा कई क्रांतिकारी युवाओं का निर्माण होना है।
निश्चित ही आप इसे मेरा अभिमान समझे या मेरा आत्मविश्वास ।
मैं आगे कदम बढ़ा चुका हूँ....
"आह्वान(the call of truth)-
"आस्तिक या नास्तिक ??"
आस्तिक व्यक्ति अपना जीवन अंधश्रद्धा, अंधविश्वास, पाखण्ड, चमत्कार, में ही व्यतीत करता हुआ जीवन को बर्बाद कर लेता है जबकि नास्तिक व्यक्ति(सच्चा आस्तिक) अपने कर्म सिद्धांत का पालन करते है व इन चमत्कार,अंधश्रद्धा से दूर अपने जीवन को सार्थक कर लेता है।-
"एक क्रांतिकारी शिक्षक का आह्वान..."
1947 के आरंभ से ही राष्ट्र के सम्मान व गौरव की रक्षा के लिये शासन कुछ नहीं कर सका। और परिणामस्वरूप मेरा भारत पुनः खंड खंड होने पर आमदा है।
अतः इसकी रक्षा के लिय मैं शिक्षकों व विद्यार्थियों से आह्वान कर रहा हूँ, वो समय की गंभीरता को समझने का प्रयास करें....-