माँ को चिंता रहीं, सारा दिन यही बेटा आज दफ्तर भूखा चला गया -
माँ को चिंता रहीं, सारा दिन यही बेटा आज दफ्तर भूखा चला गया
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कौन ग़लत है कौन सही तू भी कभी समझा नहीं दिखता है सब सही-सही कुछ भी सही होता नहीं तेरे अपने भी अपने नहीं तू है कि मानता नहीं कुछ बात सुनी है सुनी सुनी पर हमको यकीं होता नहीं उसको चूमा था कभीं कहीं नशा अभी तक उतरा नहीं -
कौन ग़लत है कौन सही तू भी कभी समझा नहीं दिखता है सब सही-सही कुछ भी सही होता नहीं तेरे अपने भी अपने नहीं तू है कि मानता नहीं कुछ बात सुनी है सुनी सुनी पर हमको यकीं होता नहीं उसको चूमा था कभीं कहीं नशा अभी तक उतरा नहीं
जिन्हें खुद पर भरोसा नहीं उन लोगो के लिए खुदा नहीं दुनिया में हैं बहुत कुछ खूबसूरत कुछ भी मगर तेरे जैसा नहीं सो रहे हैं चैन से वो सभी लोग जिस- जिस ने भी तुझे देखा नहीं तेरे चाहने वाले होंगे कई लेकिन 'सौरव' जैसा तो कोई दीवाना नहीं -
जिन्हें खुद पर भरोसा नहीं उन लोगो के लिए खुदा नहीं दुनिया में हैं बहुत कुछ खूबसूरत कुछ भी मगर तेरे जैसा नहीं सो रहे हैं चैन से वो सभी लोग जिस- जिस ने भी तुझे देखा नहीं तेरे चाहने वाले होंगे कई लेकिन 'सौरव' जैसा तो कोई दीवाना नहीं
वो बात नहीं है औरों में जो होती है उसकी बातों में कभी शरारत कभी चालाकीहै उसकी झील सी आँखों में -
वो बात नहीं है औरों में जो होती है उसकी बातों में कभी शरारत कभी चालाकीहै उसकी झील सी आँखों में
जब वो फूल लगा तेरे बालों में तब लगा और भी खूबसूरत तू भी और फूल भी ..... -
जब वो फूल लगा तेरे बालों में तब लगा और भी खूबसूरत तू भी और फूल भी .....
माथे पर अगर बिंदी लगा लें आप दीवाना चाँद को भी बना लें आप -
माथे पर अगर बिंदी लगा लें आप दीवाना चाँद को भी बना लें आप
तेरा नाम ज़हन में ऐसे उतारा है जैसे नाम तेरा दो का पहाडा है -
तेरा नाम ज़हन में ऐसे उतारा है जैसे नाम तेरा दो का पहाडा है
एक अजनबी देखा रहा है ऐसी निगाह से गुज़ारा कर भी लूँगा मैं इतनी तनख्वाह से सभी लोग सुन रहें हैं शेर अब मेरे काम हो गया है आपकी वाह-वाह से -
एक अजनबी देखा रहा है ऐसी निगाह से गुज़ारा कर भी लूँगा मैं इतनी तनख्वाह से सभी लोग सुन रहें हैं शेर अब मेरे काम हो गया है आपकी वाह-वाह से
क्यूँ पीते हो शराब पागल हो देखों उसके ख्व़ाब पागल हो जब करता हूँ मैं तेरी तारीफ़ यार कहते हैं जनाब पागल हो मज़ा ही क्या सिर्फ मेरे होने से मज़ा तो है जब आप पागल हों -
क्यूँ पीते हो शराब पागल हो देखों उसके ख्व़ाब पागल हो जब करता हूँ मैं तेरी तारीफ़ यार कहते हैं जनाब पागल हो मज़ा ही क्या सिर्फ मेरे होने से मज़ा तो है जब आप पागल हों
कोई जाएगा बता कैसे भूल तुझे मैंने कहा है गुलाब का फूल तुझे मरम्मत भी करी है उन लड़को की जो कहते थे भूल से फिज़ुल तुझे तू लुटा आया अपने सारे फल उनपे जो कहते थे दरख्त-ए-बबूल तुझे Saurav -
कोई जाएगा बता कैसे भूल तुझे मैंने कहा है गुलाब का फूल तुझे मरम्मत भी करी है उन लड़को की जो कहते थे भूल से फिज़ुल तुझे तू लुटा आया अपने सारे फल उनपे जो कहते थे दरख्त-ए-बबूल तुझे Saurav