Saurav Nikunj   (Saurav Nikunj)
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Waqeel
Joined 12 August 2018


Waqeel
Joined 12 August 2018
18 NOV 2019 AT 12:58

"Furqat"

Hume ye furqat ke lamhe manzor hai..
wo aaye the apni marzi se
Toh unka jana bhi manzor hai..
pehle wo humse roth kr chale jate the
Ab bina rothe hi jana bhi manzor hai..
mana ki hum kabhi unke apne ni the
Ab apna bana kr jana bhi manzor hai..
hum muskura kar sochte the ki unse roz baatain hoti hai
Ab unka bin bataye jana bhi manzor hai..
Haan hame ye furqat ke lamhe manzor hai..

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17 NOV 2019 AT 23:32

चलो अब जा कर ये कहानी ख़त्म हुई
मगर अब भी किताब के कुछ पन्ने खाली हैं
सोच रहा हूँ इन पन्नों पर तुम्हारा नाम लिख दूँ
आखिर ये किताब भी तो तुम्हारी हैं..

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11 NOV 2019 AT 20:31

तेरे आरिज़ पर लिखे कई असरार छुपे हैं,
तू इजाज़त दे
तो अपने लबों से पढ़ लूँ...

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10 NOV 2019 AT 1:22

मैं रोज़ सोचता हूँ अब और बात ना हो तुमसे
हम मिले तो मुलाक़ात ना हो तुमसे,
अब वक़्त हैं कि दिल भी सच्चाई जान ही जाए
दिल रूठे भी अगर तो कोई शिकायत ना हो तुमसे..

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9 NOV 2019 AT 1:32

तुम पानी बन मेरी आँखों से निकलती हो
किसी और से मिलने के लिए जब तड़पती हो
हम मचलते रहते हैं तेरे इंतेज़ार में
तुम किसी और के बाहों में जब पिघलती हो..

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8 NOV 2019 AT 17:44

हम खुशनसीब हैं जो वो अब भी हम से बातें करती हैं
वरना रक़ीबों को कोई क्यों याद रखे....

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8 NOV 2019 AT 16:26

हम आपको अपनी कहानी में पिरोते रहें
कई बार सूई चुभा मगर फिर भी लिखते रहें
हाथों के साथ अब दिल भी छलनी हुआ हैं
अब इतना वक़्त कहाँ की अपने ज़ख्म भी सीते रहें

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31 OCT 2019 AT 22:05

रूख़ से जो तुम अपने पर्दा हटा लो
तो खुदा कसम सारी उम्र तुम्हारे नाम कर देगे
मगर यूँ ही हमसे खेलती रही अब भी
तो इस कहानी को अपने कलम से बदनाम कर देगे..

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29 OCT 2019 AT 0:48

यूँ मुस्करा कर जो तुम मुझे देखती हो
सच बताओ मेरे बारे में क्या सोचती हो

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29 OCT 2019 AT 0:25

वो एक बार नहीं सौ बार दिल तोड़ चुकी हैं
मेरे तरफ से अपना चेहरा मोड़ चुकी हैं
अब तो किस्तों में बातें होती हैं अपनी
इस भीड़ में खो कर हमें अकेला छोड़ चुकी हैं

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