कल्पना ही थी तुम मेरी शायद
इसलिए कल्पनाओं तक ही रह गई।
❤️❤️❤️-
शब्दों की कोई सीमा नहीं।☝🏼
ये असीम है।📖
मै और मेरे ... read more
अपने ही रुलाते है
वरना गैरों को क्या मालूम
कि कब कौनसी बातें दिल दुखाती है।-
अक्सर किसी से बिछड़कर
आंखे इतनी नम नही होती
जितना उनके संग रहकर होती है।-
दूर रहना गवारा नहीं था हमें, लेकिन थी
कुछ बंदिशे जिन्होंने हमें बांधे रखा था।
वरना नज़दीक रहना तो कभी प्राथमिकता थी हमारी।-
दिल दुखाकर उनका
चैन से रहा भी नहीं जाता...
और सामने आए अगर वो
तो, कुछ कहा भी नहीं जाता...-
ए जाने वाले साल
तू ने बहुत कुछ है सिखाया।
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भटक रहा था जब इर्द-गिर्द
राह तू ने ही है दिखाया।
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ए जाने वाले साल
तू ने बहुत कुछ है सिखाया।
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ज़ख्म दिए थे जब ज़माने ने।
ज़ख्म दिए थे जब ज़माने ने।
सब्र का मलहम तू ने ही है लगाया।
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ए जाने वाले साल
तू ने बहुत कुछ है सिखाया।
#2021ends-
बीत गई वो काली रात
लेकिन अश्रु अब भी हम रोक के बैठे है।
कहना तो बहुत कुछ हैं हमे तुमसे
बाते बहुत सी सोच के बैठे है।
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शिकायतें उनकी किया भी नहीं करते हम।
दिल में दबी बात कहा भी नहीं करते हम।
नाराज़ होने के कारण तो हज़ार है उनसे
लेकिन नाराज़गी ज़ाहिर किया भी नहीं करते हम।-
कुछ सिद्धांत है मेरे जिन्होंने मुझे बांध रखा है
वरना पलट के जवाब तो हमें भी आता है।-
आग से आग बुझा नही करती।
तकरार से निगाहे झुका नहीं करती।
बनना पड़ता है जलाशय सा सीतल किसी एक को।
अन्यथा बात कोई सुलझा नहीं करती।-