10 MAR 2019 AT 10:22

यह देख पवन मुझमें लय है।
यह देख गगन मुझमें लय है।।
मुझमें विलीन झंकार सकल।
मुझमें लय है संसार सकल।।
अमरत्व फुलता है मुझमें।
संहार झूलता है मुझमें।।


.......................दिनकर

- Saurav