...writhing egregiously. She was quite sure that the sailor will not show mercy on her but still she tried... tried... tried.. and then, died. That's all! Story should always end with one person killing the other. Otherwise, one will keep controlling the life of other without giving a fig about his suffering. And the other will suffer... suffer... suffer... and then, commit suicide. In that case, truth will remain veiled.
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इन्सान को जीने के लिए साँसों की नहीं, कारणों की जरूरत पड़ती है। सच तो ये है कि वो अपना पूरा जीवन सही और गलत के चक्कर में निकाल देता है, ये जानते हुए कि दुनियाँ में कोई भी चीज/बात पूर्ण रूप से सही या पूर्ण रूप से गलत नहीं होती। उसकी खुशी इस बात पर निर्भर करती है कि सामने वाले पर वो कितना असर डाल सकता है, या फिर किस हद तक वो खुद को सही साबित कर सकता है। जो उसकी बात को अहमियत मिली या थोड़ा भी असर दिखा, फिर तो जैसे सिकंदर के खिलाफ़ जंग जीत लिया हो उसने। यहाँ होड़ लगी है खुद को सही साबित करने की। आप मानो न मानो , ये दुनिया इसी तरह चलती है और मैं कोई अलग नहीं हूँ।
#मेरे_विचार-
कुछ नज्में हमेशा होठों पे रहते है,
कुछ यादें हमेशा ऑंखो मे बसते है ।
बड़ी अजीब है रिश्तों की दास्तान,
मुद्दतों बाद भी अश्कों में दिखते है।-
शिकस्ता इश्क़, मुंतज़िर है कि वस्ल हो,
कहो थोड़ा भी हमनशीं कि तन्हाई कम हो।
आखिर क्यूँ तुम दीवारों सी सख़्त बैठी हो,
एक इशारा हीं करो कि ज़िन्दगी सहल हो।
बताओ तो, क्यूँ गुफ़्तुगू नही करती तुम,
भूल से भी कभी, हाल नही पूछती तुम,
क्या मसला है कुछ तो बताओ मुझे,
नफरत है, तो वो भी तो जताओ मुझे,
जो कोई और है तो वो भी बता दो मुझे,
उसकी बाहों मे सकूँ है, तो जुदा कर दो मुझे,
या फिर मोहोब्बत की ताबीर अलग है तुममे,
है? तो कम से कम वो हीं सिखा दो मुझे।
कहूँ कैसे किस मझधार में फंसा हूँ मै,
कितने बनते-बिगड़ते, बिगड़ते-बनते थपेड़ो से लड़ रहा हूँ मैं।
सोचता हूँ, कहूँ भी या ना कहूँ,
पर हमनशीं! बिना मौत, बेमौत मर रहा हूँ मैं।-
हम भी ए खुदा तारीफ के काबिल है बहोत,
सपने देखना, फिर तोड़ना... कायर थोड़ी करते है।-
अरे! के कोई अफवाह ही उठे तेरे आने की,
ये दस्तक-ए-नाउम्मीदें बड़ी परेशान करती है।-
Back-stabbing is undoubtedly ridiculous but this is the way things work usually.
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I lacerated my heart and squeezed desire,
And bled emotions unto the mire.
That fiery mingling kindled the hatred,
Which devotedly denies the love as 'sacred'.-
Beauty plucked four flowers to feel the coldness of winter. The Devotion waited to be called by her. But she called the Humour (her "the Perfect") and offeres him the flowers. In this way, Devotion learned that the Humour is the greatest of all emotions.
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