दुनियाँ की सारी दौलत को मिलाकर भी एक पल को नहीं खरीद सकते हैं।— % &
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जीवन का एक साल और कम हो गए,
कुछ पुरानी यादें पीछे रह गए,
कुछ नए दोस्त मिले कुछ छूट गए,
कुछ अपने बने कुछ रूठ गए,
कुछ याद करें कुछ भूल गए,
कुछ सपने पूरे हुए,
कुछ अधूरे ही छूट गए,
अच्छी बुरी यादों का संगम ये साल हुए,
कभी अच्छा या कभी बुरा हाल हुए,
जीवन का एक साल और कम हुए।
@Saurav kumar
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Friends should be like mirrors and shadows.Just as the shadow is always with us and in every situation and the mirror which always makes us face the truth and never tells a lie. Friends should be exactly like these two.
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नजरों के सामने वो कहाँ रह पाते हैं,
जो पल भर में अपनी नजरें औरों से चुराते है।-
शब्दों को कुछ इस तरह पिरोया हैं,
जैसे हर सपनों को यादों में संजोया हैं।
कुछ लोग जिंदगी में यूँ बिछड़ जाते हैं,
जैसे सूखे पत्ते पेड़ से अलग हो जाते हैं।
कुछ लोग जिंदगी में यूँ अपना बन जाते हैं,
जैसे हर दर्द की वो दवा बन जाते हैं।
बमुश्किल से ये दिल ने किसी को अपना माना हैं,
जैसे उसके साथ ही पूरी जिंदगी बिताना हैं।
कुछ इस तरह उसे यादों में बसाया हैं,
जैसे हर साँस में वो खुशबू बनकर समाया हैं।
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Nothing in this world is forever and what is for ever is only your karma.
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तुम्हें अपनी गलती का एहसास है,
क्या मेरी इज्ज़त अब मेरे पास है ?
मेरी आत्मा तो कब की मर चुकी है,
क्या तुम्हें अब भी इस शरीर की प्यास है ?
हवस के आगे तुमने मेरी एक ना सुनी,
मेरे रोते हुए चेहरे को देखकर तुम्हें खुशी महसूस हुई,
मेरी इज़्जत को तुमने अपने पैरों के नीचे रौंदा था,
मेरे हर सपनों को तुमने उस रात तोड़ा था ।
ये कुकर्म करते हुए माँ बहन की याद जरा सा भी ना आई,
मैं भी किसी की बेटी थी बहन थी क्या तुम्हें ये बात समझ ना आई ?
तुम्हें अपनी गलती का एहसास अब है,
क्या मेरी खुशी अब मेरे पास है ?
तुम्हारी गलती मानने से मेरी जिंदगी सुधर तो नहीं जाएगी,
तुमने ही बिगड़ा है अब वो संवर तो नहीं जाएगी,
हवस के आगे तुमने सब कुछ भुला दिया,
मेरे हर सपने को तुमने एक पल में मिटा दिया ।
मैं अपने माँ बाप के आंखों का तारा थी,
उनके जिंदगी का एकमात्र सहारा थी।
तुम्हारी उस गलती ने मुझे अंदर से तोड़ा था,
ईश्वर भी यह देखकर पलकें झुकाकर रोया था।
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जीवन का गुजरता हुआ वो मंजर देख रहा हूँ,
शीशे सा बिखरता हुआ वो खँडहर देख रहा हूँ,
झूठी हंसी मुस्कुराता हुआ वो दर्द देख रहा हूँ,
अपना मतलब निकलता हुआ वो खुदगर्ज देख रहा हूँ।
सपनों को जलाता हुआ वो आग देख रहा हूँ,
जलने के बाद जो बच गया वो राख देख रहा हूँ,
टूटी उम्मीदों में बना हुआ वो सुराख देख रहा हूँ,
उम्मीदों को तोड़ता हुआ वो गुस्ताख़ देख रहा हूँ।
रोते हुए चेहरे पर वो झूठी मुस्कुराहट देख रहा हूँ,
फिर से बिखर जाने का वो घबराहट देख रहा हूँ,
किसी अपने के लिए दिल में दबी वो कड़वाहट देख रहा हूँ,
दिल में जगी उम्मीदों की आहट देख रहा हूँ।
बीते कल की मुस्कान देख रहा हूँ,
हर मुस्कान में बसी मेरी जान देख रहा हूँ,
भीगीं आंखो से गुजरता हुआ वो पल देख रहा हूँ,
जागती आंखों से आने वाला वो कल देख रहा हूँ।
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Sometimes you have to smile to hide your fears
And sometimes you have to laugh to hide your tears-