Saurajpratap Singh   (Sauraj Singh)
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Joined 21 July 2020


Joined 21 July 2020
12 JUN 2021 AT 18:15

रात भर नींद नहीं आई उसे याद करने के बाद और वह हमबिस्तर कैसे हुआ होगा गैर के साथ मुझसे मोहब्बत करने के बाद, मिलने आयी अगले दिन तो बात की वफा और मोहब्बत की खुद बेशर्मी की हद से गुजर जाने के बाद और वह गले लगाने वाली थी मुझे तभी मैंने कहा बस कर रात भर मन नहीं भरा रक़ीब के साथ रात गुजरने के बाद!

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4 JAN 2021 AT 10:49

Tu kar mehant waqt tere saath hai saath hai mahadev kahde uspar maa ko tujpar bahut vishwash hai ,Waqt lagega par ho jaayega mat Maan haar itni jaldi kar tu fir sey prayas ek baar ,karega tu bhi kaamal ek din kar khood par vishwash ek baar!

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29 DEC 2020 AT 4:45

"Kuch toh hua hoga dhuaa aise toh nahi hua hoga ,aur jinke zabaan par sirf hamara naam tha ,shaam ki chai bhi jo peete they saath mai, aaj wey kisi gair key saath humbistar Kaise hua hoga"

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15 AUG 2020 AT 11:31

आज तिरंगा भी खफा था खुद से,
क्यों में लहराने से ज्यादा शहीदों में लपेटा जाता हूं !
क्यों राजनीति की आड़ में,
मैं भ्रष्टाचारी के हाथों लेहेराता हूं !
मै नहीं मानता नेता कारोबारी को देश प्रेमी!
अगर ऐसा है तो क्यों नहीं भेजते अपने लाल को फ़ौज में?

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3 AUG 2020 AT 6:53

Dear di ♥️

Agar ap nah hote,
toh mujhe kon sambhalta.
Gussa kar ke fir,
Duggna pyar kon jatata.
Me di di kehe kar kisshe bulata,
Maa papa ke baad toh
Ap ho meri,
Warna Cartoon wali rakhiyah
Fir kon pehenata?
Di,
Agar ap nah hote ,
Toh mujhe kon sambhalta?

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12 OCT 2021 AT 14:38

क्या हुआ जो हार गए, अभी सब कुछ न हार गए हैं, ये अदम्य साहस ठोस संकल्प को हार स्वीकार नहीं है ,ये जिंदगी एक रणभूमि है, संघर्ष से तुम मत डरो ,इतिहास गवाह है सब जानते है जिसने संघर्ष किया है वो महान हुआ हुआ हैं ,आंख मूंद लो ध्यान करो मन पर विजय पा लो तुम ,हरा न सकेगा तुम्हें कोई भी, जब तक.खुद से हार ना मान जाओ तुम!

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14 JUN 2021 AT 18:26

किसी के हिस्से मै मकान आई, आई हिस्से ज़मीन किसी के,मै घर मैं सबसे छोटा था मेरे हिस्से मै मेरी मां आई,और एक दिन आया था मैं बारिश मैं भींग कर रोते रोते ,मां ने फिर भी पहचान लिया आंसू को, लगाया गले से रोते रोते,स्वार्थ छिपा था औरों के प्यार मे सिर्फ मां का प्यार ही सच्चा था ,और देखी है लम्बी कतार बहुत मंदिर मस्जिद के आगे जिसने सर झुकाये नहीं कभी मां के आगे वह झुका रहा था सर एक पत्थर के आगे, और क्या.लिखूँ मैं मां तेरे लिए ,मेरी कलम मे इतनी ताकत नही बयां कर सके कोई मां को इतनी किसी की औकात नहीं, और सुला ले मां फिर से अपनी तू गोद मै, नींद आ जायेगी गहरी बहुत ,और तेरा लाल ही कहलाऊ हर बार बस यही आशीर्वाद देना हर युग मै !

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13 JUN 2021 AT 9:16

सारी रात उसे छूना से डरता रहा मैं बेबस बेचारा सिर्फ उसे देखता रहा और रात भर थी वह साथ मेरे ही बस सारी रात ज़िक्र किसी और का होता रहा और पढ़ रही थी खत् मेरे ही दिए हुए पर खत् मैं ज़िक्र किसी और का होता रहा!

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11 JUN 2021 AT 16:27

कि अब तो तुझे भूलने के लिए याद करता हूँ थोड़ा ही सही पर हर रोज कर्रा हूँ, और तू शहर में नहीं है मेरे फिर भी तेरी गली से गुजर रहा हूँ मैं और सुना है मांगती हो दुआ मेरी मौत की इसलिये बना लिया है घर मैंने कब्र के पास ताकि देर ना लगे तुझे दफन करने मैं मुझे मेरे मौत की बाद !

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10 JUN 2021 AT 17:50

हार कैसे मान जाऊँ ये तो बस शुरुआत है और इन्तेज़ार कर रहे थे मुहल्ले और रिश्तेदारों वाले ने मेरी हार की मैं भी खामोश रहा कुछ दिन सफलता तो समय मांगती है, और गायब हो गए मुहल्ले रिश्तेदारों वाले उस दिन से जब से देखी वर्दी मेरी तीन सितारों वाले!

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