ये कांच पिघलकर पत्थर हो चुका,टूट–टूट के थक जो गया था मैं.मंजिल का इशारा था ठहर जाने का,पर इससे ज्यादा रुक न सका था मैं.मिले खरीददार बहुत सरे बाजार मुझे,इस रूह के साथ बिक न सका था मैं.कफन सिला था आपने भी आला मगर,आपकी उम्मीद पर नप न सका था मैं। -
ये कांच पिघलकर पत्थर हो चुका,टूट–टूट के थक जो गया था मैं.मंजिल का इशारा था ठहर जाने का,पर इससे ज्यादा रुक न सका था मैं.मिले खरीददार बहुत सरे बाजार मुझे,इस रूह के साथ बिक न सका था मैं.कफन सिला था आपने भी आला मगर,आपकी उम्मीद पर नप न सका था मैं।
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जब अवयक्तता ही हो भाषा,जब एकांगता ही हो प्राथमिकता,जब प्रेम उठ जाए स्पर्श और शब्दों से परे...कुछ लगता नही अपना,कोई डर नहीं खोने का,न मृत्यु की प्रतीक्षा,न जीने की आकांक्षा,जीवन है मात्र,जीने की औपचारिकता... -
जब अवयक्तता ही हो भाषा,जब एकांगता ही हो प्राथमिकता,जब प्रेम उठ जाए स्पर्श और शब्दों से परे...कुछ लगता नही अपना,कोई डर नहीं खोने का,न मृत्यु की प्रतीक्षा,न जीने की आकांक्षा,जीवन है मात्र,जीने की औपचारिकता...
यूं तो गुजार दी है गुजारे बगैर भी, क्या खाक जिंदगी है तुम्हारे बगैर भी !लंगड़े ही चल पड़े हम सहारे बगैर ही, लाठी भी तोड़ दी थी हमने मारे बगैर ही!गुलशन तुम्हारी महफिल हमारे बगैर भी, फिर खोजते हो क्या तुम है खुदा का तो खैर ही!- सौरभ त्यागी "मुर्शिद" مYourQuote.in -
यूं तो गुजार दी है गुजारे बगैर भी, क्या खाक जिंदगी है तुम्हारे बगैर भी !लंगड़े ही चल पड़े हम सहारे बगैर ही, लाठी भी तोड़ दी थी हमने मारे बगैर ही!गुलशन तुम्हारी महफिल हमारे बगैर भी, फिर खोजते हो क्या तुम है खुदा का तो खैर ही!- सौरभ त्यागी "मुर्शिद" مYourQuote.in
अर्ज किया है, -
अर्ज किया है,
मान लिया उनको साकी,गम में देख लिया जाम,जिंदगी हमारी यूं ही,मयकशी में हुई तमाम! -
मान लिया उनको साकी,गम में देख लिया जाम,जिंदगी हमारी यूं ही,मयकशी में हुई तमाम!
शराब से दोस्ती और रंज से यारी,जिंदगी अपनी हमने कुछ ऐसे गुजारी! -
शराब से दोस्ती और रंज से यारी,जिंदगी अपनी हमने कुछ ऐसे गुजारी!
दिल नहीं लगता इस दयार में अब,आह भी सर्द है इस बयार में अब!दयार – इलाकाबयार– हवा -
दिल नहीं लगता इस दयार में अब,आह भी सर्द है इस बयार में अब!दयार – इलाकाबयार– हवा
हम किस गली में भटकें अब,हम किस कूचे में दिल जलाएं,मुर्शिद सुकूं घर में बहुत है,खुदाया यहीं जिएं, यहीं मर जाएं. -
हम किस गली में भटकें अब,हम किस कूचे में दिल जलाएं,मुर्शिद सुकूं घर में बहुत है,खुदाया यहीं जिएं, यहीं मर जाएं.
ObserveUnderstandAnd be silent! -
ObserveUnderstandAnd be silent!
Thou must stand tall,Till thy fall. -
Thou must stand tall,Till thy fall.