28 JUN 2019 AT 0:11

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है

जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है।

'वसीम बरेलवी'


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