हमारी तबाही तो लगभग तय थी,
बस हमने मानने से हर बार इनकार किया-
Saurabh Singh
(Saurabh Singh)
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Joined 7 May 2018
27 MAY 2021 AT 11:25
तुमसे हमारी खुशी नहीं देखी जाती
हमने तेरे हर एक गम को संभाल रखा है
क्योंकि तुमने तोड़ा था मेरा दिल
बस इसलिए ये टूटा दिल संभाल रखा है-
26 MAY 2021 AT 13:12
मैं खानाबदोस रहूंगा उम्र भर,
बस इक इस दर्द से आजाद करदो,
या तो आबाद ही करदो
या फिर ऐसा करो बर्बाद करदो
- सौरभ-
25 MAY 2021 AT 9:53
दूरियां तो पहले ही यहां
हर एक जिंदगियों में, बेशुमार थी
बस ऐसा हुआ कि एक बीमारी आई
और सारा इल्ज़ाम अपने सर ले लिया-
25 MAY 2021 AT 8:38
मैं इश्क़ था,
फिर जुनून बना,
और वादों पर आ कर
टूट गया
मेरे साथ जीने मरने
की कसम खाते थे लोग
कसम चला गया
मै पीछे छूट गया-
24 MAY 2021 AT 11:09
गम नही कोई जिंदगी में मेरे
ऐसा नहीं है मगर,
कम खुशियों को क्यू होने दे
इनकी वजह से ...-
23 MAY 2021 AT 9:00
देखने दो जमाने को
तसल्ली से मेरी तबाही
कल को ये भी न कहे
की हम होते तो ये न होता-