गहरे में ढूंढा तो जीवन में ,
आभार के अलावा कुछ मिला नहीं मुझे !
आभारी था सुखों के लिए ,
आभारी था दुःखों के लिए ,
आभारी था सफलताओं के लिए ,
आभारी था असफलताओं के लिए ,
आभारी था आशाओं और उम्मीदों के लिए ,
आभारी था कुछ निराशाओं के लिए ,
आभारी था कुछ लोगों के मिल जाने से ,
आभारी था कुछ लोगों के बिछड़ जाने पे ,
आभारी था सुख के भोजन और नींद पानी की ,
आभारी हूँ कुछ उन्निंदेपन और भूख प्यास की !
आभारी हूँ कितने को पसंद हूँ ,
इस बात पर भी हूँ आभारी कितनो को नापसंद हूँ !
मैं आभारी हूँ प्रभु की दी हुई योग्यताओं पर ,
मैं आभारी हूँ मुझमें नियत कमियों पर !
बहुत सोचने समझने के बाद महसूस हुआ मुझे ,
जीवन में आभार प्रकट करने के अलावा कुछ नहीं !
मैं खुश हूँ मैंने जीवन का स्वाद लिया सारे रंग देखे !-
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अपने ब्यक्तित्व का मूल्य स्वयं निर्धारित किजिए !
दूसरे तो आपकी कीमत अपने औकात के अनुसार ही लगायेंगे !!-
पहचान तुम्हारी सिर्फ काबिलियत से ही होगी,,🖋️
यू शीशे में खुद को सवार कर वक्त जाया ना करो..-
एक ये डर कि कोई ज़ख़्म ना देख ले मेरे
एक ये ख़्वाहिश की कोई देखने वाला होता...!!-
दिसम्बर क्या आया, हम दोनों ही अकेले रह गए,
एक मैं , और
एक वो आखिरी पन्ना कैलेण्डर का...!-
कुछ मांग कर मिले तो क्या फायदा
गुरूर तो उस पर हो जो निगाहों की आरज़ू पढ़ ले...!!-
इंसान ख्वाहिशों से बँधा हुआ एक ज़िद्दी परिंदा है
उम्मीदों से ही घायल और उम्मीदों पर ही ज़िन्दा है..!!-
बस दुआ है...
बस दुआ है कि वापस ना मिले हम..
ना तुम हमे यहाँ मिलो
ना हम तुम्हे वहाँ मिले..!!!-
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़....
कच्चा तेरा मकान है कुछ तो ख़याल कर ..!!!
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