बिगड़ने लगते हैं रिश्ते अक्सर
जब इंसान सुधरने लगता है।
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Engineer by profession and shayar by exp... read more
खुदा बनी बैठी है दुनिया,अब कोई नज़र नहीं आता
आईने के सामने बैठा हूं ,पर कोई नज़र नहीं आता
झूठे सारे नज़र आते हैं दुनिया में
पर कमबख्त किसी का झूठ नज़र नही आता
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आज मुश्किल लग रहा है उसे मना पाना
शायद वो रूठा नही है , बस रूठा बैठा है ।— % &-
लोग उसकी तस्वीर देख कर कहते हैं, कि वो वाक़ई बहुत सुंदर है
सच कहूँ उसकी तस्वीर अच्छी नहीं आती😊-
वो चाहे भी तो शयद, अब वापस आ नहीं सकता
जल्दी जल्दी मंज़िल बदलने वालों को रास्ते याद नहीं रहते-
मैं कुछ भी कहूं , ना जाने क्यों वो बुरा मान जाते हैं
कमबख्त जो सच जानते हैं, वही सच सुन के बुरा मान जाते हैं
वो जो पानी लिए फिरते हैं दुनिया की आग बुझाने के लिए
मैं भूखे बच्चे का पता बताता हूं तो बुरा मान जाते हैं
कुछ भी कहो सब जानते हैं अपनी हकीकत
मैं उन्हे अच्छा कहता हूं तो वो बुरा मान जाते हैं
यूं तो नदियां मिलती ही हैं जा कर समुंदर में
जो एक दरिया बगावत कर ले समुंदर बुरा मान जाते हैं
यूं तो कब्ज़ा कर के रखते हैं पूरी रात आसमान पर
एक सूरज रोशनी ले कर आता है तो तारे बुरा मान जाते है
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जली सी महक ही तो आएगी शहर की मिट्टी से
कई गांव जो राख हो गए यहां पहुंचते पहुंचते।
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जिन्होंने अभी उड़ना सीखा है बस वही हैं आसमान में
वरना उम्र के साथ परिंदो को घोंसला अच्छा लगने लगता है-
हां मैं बिगड़ा हुआ हूं , सही सुना है तुमने
पर सिर्फ उसके लिए हूं , जिससे सुना है तुमने-
बहुत दूर से उसको आवाज़ मत दो उसको
जो उसके पास हैं, उसे मुड़ने नही देंगे।-