दिल से अच्छे रहने दो जी, मन के सच्चे रहने दो जी
बड़े हुए तो क्या हुआ, थोड़े अभी बच्चे रहने दो जी
थोड़ा लड़ लें, थोड़ा झगड़ लें, जी भर हठ कर लें
ज़िद्द कर लें, और ज़िद्द की भी पूरी हद कर लें
पर इन में मासूमियत के लच्छे दर लच्छे रहने दो जी
बड़े हुए तो क्या हुआ, थोड़े अभी बच्चे रहने दो जी
कोई जो संग हो ले तो खुल के खिलखिला लें
कोई जो हाथ थाम ले तो जी भर के मुस्कुरा लें
रंग बिखेरें, गंध बिखेरें, फूल के ये गुच्छे रहने दो जी
बड़े हुए तो क्या हुआ, थोड़े अभी बच्चे रहने दो जी
जो कुछ नया देखें सुनें तो मन उथल पुथल जाए
नया करने, नया सीखने को मन मचल मचल जाए
वो नाज़ुक नाज़ुक जिज्ञासा के भी चर्चे रहने दो जी
बड़े हुए तो क्या हुआ, थोड़े अभी बच्चे रहने दो जी
दिल से अच्छे रहने दो जी, मन के सच्चे रहने दो जी
बड़े हुए तो क्या हुआ, थोड़े अभी बच्चे रहने दो जी
-