Saurabh Sharma   ("सौरभ शर्मा")
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Believe in Stability😊
Joined 3 April 2019


Believe in Stability😊
Joined 3 April 2019
30 NOV 2024 AT 19:20

ना पहाड़ कठोर है ना ही नदियाँ कठोर है
ना पहाड़ छोड़ कर जाते है ना ही नदियाँ छोड़ कर जाती हैं

ये तो अपना अपना नजरिया है "सौरभ"
पहाड़ एक जरिया है जो नदियाँ अपने गंतव्य तक पहुंच जाती हैं

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20 NOV 2024 AT 14:40

"जिन्दा"
मिट्टी होता शरीर है
रूह हमेशा रहेगी यहाँ पर
"जिन्दा"
😊

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27 SEP 2024 AT 19:16

"नींद"
रात और ख़्वाब के बीच की अड़चन
रात हो जाती है नींद आती नही है

रात सो जाती है और हम जागते रहते है
अब तो खुली आँखों से ही ख़्वाब मुक़म्मल करते है
😊

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22 SEP 2024 AT 19:25

माता-पिता
भाई-बहन
और
प्रेमी-प्रेमिका (पति-पत्नी)

और
इनके प्यार करने का तरीका
😊

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1 AUG 2024 AT 8:43

आपका धन नही
आपका मन चाहिये

धन का तो क्या है
धन तो यंही धरा रह जायेगा

स्थिर बने रहे सरल बने रहे
मन ही तो है जो व्यक्तित्व बतायेगा
😊

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25 JUL 2024 AT 22:58

सवाल ये ही अक़्सर रहते है अब उसके
याद भी नही करते
मिलते क्यों नही
बात भी नही करते
सवाल ये ही अक़्सर रहते है अब उसके

जवाब में हम कहते है

तकलीफ़ देना बंद कर दिया है हमने ख़ुद को
क्योंकि कहना है उसका, हो नही सकता अब वो मेरा
😊

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6 JUL 2024 AT 13:19

समाज की नजर में में तो खरे उतरे गए है
लेकिन
परिवार की नजर में अखरते जा रहे है

प्रयास लगातार किये जा रहे है
लेकिन
तनिक-तनिक बिखरते जा रहे हैं
😊

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31 DEC 2023 AT 18:13

बहुत कुछ सहज के रखा था मैंने तेरे लिए
पर तेरा मन बदल गया अब मेरे लिए

देखे है मैंने बदलते हुए मौसम भी
पर ना जाने क्यों बदल गया तू भी 

समय बदलता है बदलते है साल भी
पर देख लिया मैंने बदलते हुए इंसान भी

फिर आ रहा एक और साल भी

बहुत कुछ अब भी बाकि है तेरे लिए
पर क्या तू फिर बदलेगा अब मेरे लिए
😊

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25 FEB 2022 AT 14:21

छलनी हो गए है शब्दों से इतना
कि गोलियों की जरूरत ही नही हैं

जी हाँ हम अभी भी
परिवार के साथ ही रह रहे हैं
😊

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5 FEB 2022 AT 18:33

दर्द वो नही जो चोट लगने से मिला हो
दर्द वो है जो अपनो से मिला हो
फिर वो अपने ही क्या जिन से दर्द मिला हो

दर्द वो नही जो शरीर को मिला हो
दर्द वो है जो रूह को मिला हो
फिर वो रूह ही क्या जिसे दर्द ही दर्द मिला हो

रिश्ते कैसे भी हो यंहा, किसी को नही परवाह
बस पिसते रहना है यंहा, जब तक शरीर है जिंदा

रूह भी हो जायेगी एक दिन फ़ना, जब ख़ुदा करेगा परवाह
फिर क्या शरीर, क्या रिश्ते और क्या दर्द जब रूह ही हो जायेगी फ़ना
😊— % &

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