खामोशियों का मंजर बड़ा खौफनाक है,
अब अकेलेपन में अल्फ़ाज़ ढूंढते हैं लोग !!!
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जो भी दिल मे आ जाता है, बस वही लिखता हूँ |
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वो दौर और था जब रिश्तों का मतलब होता था,
अब तो सारे रिश्ते ही मतलब के हो गए |-
मोहब्बत में लड़ाई का एक अलग ही रुआब है
गुस्से से लाल चेहरा कोई कम ग़ज़ब नहीं ढाता
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से रूबरू हैं हो गये,
हे कृष्ण तेरे प्यार में
कुछ ऐसे हैं खो गये |
दिन का सुकून
रात का करार बने तुम,
मन्द मन्द मुस्कनिया पर
यूँ कुर्बां हैं हो गये |
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रोजी, रोटी और अपनों से कितना कर दिया दूर
अब तो हर दिन नयी बीमारी करती है मजबूर
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कितना सुकून मिला था उनका शहर छोड़ कर,
नये शहर में भी आज निगाह उनसे ही टकरायी |
एक दिन था वो जब हम उन्हें बिल्कुल ना सुहाये,
पर आज उनके चेहरे पर थी मुस्कान एक आयी |
छोड़ा था उनका रस्ता किस्मत पर छोड़ कर,
वो तकदीर ही है जो उन्हें अब पास ले आयी |-
नीला पीला लाल गुलाल
लेकर आया नंद गोपाल
ब्रज गलियों मे मचा धमाल
अपने रंग में रंग गया लाल
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रंगों से भर जाये जिंदगी खुशियों का शुमार हो जाये,
धन दौलत वैभव कीर्ति आपकी बेशुमार हो जाये |
हर किसी पर चढ़ जाये रंग आपकी प्यारी बातों का,
आप जिसे चाहे वो आपका तलबदार हो जाये |
रंगों के पावन त्योहार होली की आप सभी लोगों को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं....होली के रसिया श्री बांकेबिहारी लाल और राधा रानी अपनी कृपा आप सब पर सदैव बनाए रखें...🥰🥰🥰🥰💖💖💖💖🙏🙏🙏🙏-
जाने कौन सा दरिया उस रोज बहा था
वो हम में हम उन में मिलते चले गए
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