Saurabh kumar   (Gautami Bhatt)
20 Followers · 11 Following

Joined 7 September 2019


Joined 7 September 2019
27 APR 2024 AT 20:10

किसी के पास आधी,
तो किसी के पास पूरी कहानी है।

हर रोज हर किसी की,
नई कहानी है।

सुनाना और समझना हर कोई चाहता है,
सुनना समझना कोई नहीं,
बस यही एक छोटी सी परेशानी है।

खिलती उजड़ती सी उसकी जिंदगानी है
इतनी सी आज के इंसान की कहानी है।

किसी के पास आधी ,
तो किसी के पास पूरी कहानी है।

-


27 APR 2024 AT 20:02

अक्सर जमाने में लोग, अकेले रह जाते हैं ।
कहीं अनकही बातें कह जाते हैं।
सही हम थे ,या वो
इस सवाल में रह जाते हैं।
किसी पर यकीन मत करना,
जाते-जाते ,बस ये बात कह जाते हैं।

-


27 APR 2024 AT 19:45

कहानी लिखने वाले थे,
कि मिट गई।
जिंदगी बनने वाली थी,
कि बिगड़ गई ।
जिस भी चीज को पूरा करना चाहा,
वह अधूरी-सी‌ रह गई ।
इसीलिए काम अधूरा रखने की,
आदत रह गई।

-


19 APR 2024 AT 19:42

बस एक छोटी सी गलती से उदासी छा गई,
इस हस्ते हुए चेहरे पर मायूसी आ गई ।

सफर लंबा होने के बाद भी,
अंत में हार हुई ।
जुनूनियत, हिम्मत ,भरोसे से,
जिंदगी फिर निराशा हुई।

यह सब कहने की बातें हैं ,
सफर लंबा होगा तो अंत में जीत मिलेगी।
सब कुछ ठीक होने के बावजूद,
एक छोटी सी गलती से हर मिलेगी।

सफर लंबा हो या छोटा,
सावधानी के साथ करना चाहिए
रोज अपने अंदर,
अपनी गलती को तरासना चाहिए।

-


31 DEC 2023 AT 13:21

सपने पूरा करने की उम्र में, कल पर टाल रहे हैं।
कमाने की उम्र में, कर्ज मांग रहे हैं।

पैसों का खेल भी बड़ा गजब पाया है।
अपनों की भीड़ में खुद को अकेला पाया है।

कभी खुद को आजमाने का मन करे,
तो किसी से कर्ज मांग लेना।

ना , नहीं, अभी नहीं सुनकर
खुद को संभाल लेना ।

ये जुनून भी आपका शान से चूर होगा।
जिंदगी में जो हम चाहेंगे, हमारे लिए वही होगा।

समय का दौर , इंसान से,
इंसानियत सब बदल देता है।
आखिर एक न एक दिन ,
वो सब की खबर लेता है।

कभी किसी पर, समय का ये दौर ना आए
मांगे कर्ज किसी से, और वो खाली हाथ जाए।

-


2 NOV 2023 AT 12:03

हमारे अपने ही, हमारे आगे खड़े हो गये।
उम्र छोटी थी कि, तजुर्बे बड़े हो गए।
होश संभालने की उम्र में, जिंदगी संभाल रहे हैं।
नतीजन,
अपने साथ के लड़कों से, तजुर्बे में थोड़े से बड़े हो गए।

-


2 NOV 2023 AT 11:54

लोगों के बदलते हालात को देखा है।
लोगों के बदलते चेहरों को देखा है।
आप क्या बात करते हो भाई साहब ,
हमने लोगों को हमारे मुंह पर हमारी
‌ आपके मुंह पर आपकी कहते देखा है।

-


1 NOV 2023 AT 12:05

यह मासूम से चेहरे वाले,
मसले बड़े कर जाते हैं ।
वक्त आने पर ,
ये किसी से भी लड़ जाते हैं।

भोली सी सूरत में,
शैतानी सीरत होती है।
गुमसुम ,शांत और मासूम दिखना,
इनकी फितरत होती है।

इन्हें खुद नहीं पता होता,
उनकी क्या काबिलियत है।
कम बोलना, ज्यादा समझना
उनकी खासियत है।

गुणों का बखान करने लगू,
तो शब्द कम, बातें ज्यादा है।
इनके किस्से आपको हमेशा सुनने को मिलेंगे,
ये हमारा नहीं, उनका आपसे वादा है।

-


1 NOV 2023 AT 11:56

विषय विचारणीय है ।
वस्तु मंथन की ।
प्रक्रिया शुरू की जाए ,
मनुष्य मन मंथन की।

-


13 OCT 2023 AT 10:32

आदमी तो ईमानदार था,
लेकिन किस्मत गद्दार निकली...

-


Fetching Saurabh kumar Quotes