कुछ ऐसी कशमकश में दिन गुजर रहे है
हर एक रोज हम तुझसे फिर खुदसे लड़ रहे है
एक वक्त है जो हाथ से निकलता जा रहा
हर एक रोज हम मिलने की उम्मीद कर रहे है।
-
अदना सा शायर हू
करता हूं दिल की बात
शब्दों के जाल को सुलझाता हुआ
दिल त... read more
मुखौटे है हर चेहरे पर
या हर चेहरे मुखौटे है
असली क्या है
नकली क्या है जब
चेहरे ही मुखौटे है।-
चाहना किसी और को अब मुनासिब नही ए दोस्त
वो शऊर न जाने हम कहाँ छोड़ आये।-
अभी तक तेरे आगोश में ही हूँ
जिंदा तो हूँ लेकिन होश में नहीं हूँ।
ऐसा चढ़ा है खुमार तेरा की
तेरी यादों में बेहोश हूँ।
सूझता नही है कुछ तेरे सिवा अब
न जाने किस ख़ुमारी में मशरूफ हूँ।
लोग कहते हैं पागल मुझको
जबसे तेरे इश्क़ में मशगूल हूँ।-
यादों को साथ रख जीना सीख लिया है मैंने
महफ़िलो में भी अकेले बैठ पीना सीख लिया है मैंने।
कहते थे कि मर जायँगे उनके बिना
आज उनके बिना भी जीना सीख लिया है मैंने।।-
ना अब कोई ख़ाब आता, न कोई ख़याल आता
उसके न होने का कोई मलाल आता।
न प्यार आता, न किसी पे ऐतबार आता
उसके न होने से मन में अब न कोई सवाल आता है-
न जाने क्यों लगे बरसों से जनता तुम्हें
न होते हुए भी अपना अपना मानता तुम्हें
कितनी भी भीड़ में रहो तुम
भीड़ में भी दूर से पहचानता तुम्हें।।
रात में अकेले भटकता रहा दरबदर
अंधेरे में रोशनी वाला जुगनू मानता तुम्हें।
सफर में अकेला चला जा रहा था
साथ मंजिल पहुँचाने वाला हमसफर मानता तुम्हे।-
कोई तो दिल के पास रहता है
रहे न रहे वो नज़रो के सामने
उसके होने का एहसास रहता है।
सोचना ना कि भुला देंगे तुझे
तेरे ज़िक्र मेरी हर सांस में रहता है
इल्म था बिछड़ जाओगे तुमभी एक दिन
हर रात तेरे लौटने का इन्तेजार रहता है-
वो मरते हुए को भी हँसा के गया
खुद मरके सबको रुला के गया
दिल बेचारा देखता रह गया है
वो जाते जाते भी मुस्कुरा के गया।
"एक था राजा एक थी रानी दोनो मर गये खत्म कहानी।
You will always be in our memories "Sushant Singh Rajput"-
आज फिर तेरी यादों में मैं बिखर गया
इक रात और मैं घर पीकर गया
मिलने की चाहत में जब जब आँखे बंद की मैंने
रात गुजरी, सपना बिखर गया
मेरी यादों में आज भी जिंदा है वो
उसके लिए मैं कबका मर गया।-