तुम्हारा फोन आया है!
बदलते मौसम ने घने बरसात का पैगाम लाया है।
रात की तन्हाई में दरबाजे पे दीपक जलाया है ।
की जैसे अमावस की अंधेरी रात को, आसमान में जुगनू जगमगाया है।
मेरी सोई सी ख्वाबों के बिखरे हुए पन्नों को आज फिर से सजाया है।
तुम्हारा फोन आया है!तुम्हारा फोन आया है!- Saurabh
25 JAN 2019 AT 18:19