Saurabh Dixit   (Befikra parinda)
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Instsgram profile- @Befikra_parinda
Joined 3 January 2018


Instsgram profile- @Befikra_parinda
Joined 3 January 2018
28 MAR 2020 AT 22:50

अपनो के संग भी कभी बैठ जाया करो।
उनके दिलों के अरमान भी कभी सुन लिया करो।।
हम पास उनके रहे या उनसे मीलो दूर रहे।
तमन्ना होती है बस उनकी की हम खुश रहे।।
हो पूरी हर ख्वाहिश हमारी , यह दुआ वे करे।।
अपनो के संग भी कभी बैठ जाया करो।
हाल उनका भी जानो , है तकलीफ क्या उन्हें
या बस रखते हो लगाव उनसे सिर्फ अपने लिये
फर्ज अपना निभाओ उनके सारे गम तुम मिटाओ ।
दुनिया की सारी खुशियों से उनका वास्ता तुम कराओ।
सबको गले से लगाओ , और रिश्ते अपने निभाओ।
अपनो के संग भी कभी बैठ जाया करो।।।
@सौरभ_दीक्षित

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21 MAR 2020 AT 5:10

अभी भी कैद कर रखा है तुमने मुझे नफरतों में अपनी।

क्या खास है मुझमे जो खुद से फना होने नही देते।।
@सौरभ_दीक्षित

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19 MAR 2020 AT 20:36

"सिर्फ उसकी सांसो से होता रिश्ता तो छूट जाता अब तक

दिल्लगी उसकी रूह से कर बैठे हो अंजाम तो भुगतना पड़ेगा।।"
@सौरभ_दीक्षित

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19 MAR 2020 AT 19:57

वो ज़िंदगी था मेरी , आज दुआ बन गया है। ।
@सौरभ_दीक्षित

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19 MAR 2020 AT 11:09

दौर का क्या है जनाब ये तो आते जाते रहेंगे ।
मोहब्बत पहले भी लोग करते थे और करते रहेंगे।।
न मिले इस दौर में वफ़ा तो कौन सा बड़ी बात है साहब।
रिवाज होता है इश्क़ में वफ़ा का हर दौर में साहब।।
गर बेवफाई के डर से हम वफ़ा की उम्मीद ही न करे ।
फिर तो ये दस्तूर-ए-ज़िंदगी नही, कुछ और है साहब।।
@सौरभ_दीक्षित

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16 MAR 2020 AT 19:38

सांसो की हर एक आह का राज हो तुम।
मेरे सपनों की कहानी के किरदार हो तुम।।
सुबह की पहली किरण की रोशनी का अहसास हो तुम।
अब क्या बताऊँ कि मेरे हर एक जज्बात का राज हो तुम।।
@सौरभ_दीक्षित

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16 MAR 2020 AT 1:17

रूबरू हुआ उनका हर लफ्ज कुछ इस तरह ,

जैसे लम्हा पुराना फिर से जी लिया हो कोई।।
@सौरभ_दीक्षित

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15 MAR 2020 AT 13:08

We always hear that Nobody cares.
Bcoz we cares them a lot .. That's why this happens Don't give them this thought that we can't live without them....
So be careless ..
Bcoz we don't need someone's care.

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15 MAR 2020 AT 12:07

दूर जाना ही था तो बता तो देते तुम।
भीड़ में खोना ही था जरा सा जता तो देते तुम।।
मैं अक्सर पूछता था तुमसे तारो के टूटने की वजह ।
तुम भी एक दिन ऐसे ही तोड़ कर जाओगे बता तो देते तुम।।
@सौरभ-दीक्षित

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15 MAR 2020 AT 11:54

जीने का सलीका और जिंदगी के ख्वाब ठहर जाते है।
किसी से बिछड़ने पर ये ख्याल अक्सर घर कर जाते है।।
हां ये अलग बात है कि जब से जुदा मैने तुझे रूह से किया है।
बिखरे हुए कांच के टुकड़े हमसे मिलकर खूबसूरत आईना हो जाते है।।
@सौरभ_दीक्षित

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