Saurabh Choksi  
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Joined 11 June 2019


Joined 11 June 2019
11 SEP 2020 AT 9:59

एक वादा किया था खुद से की,
ना किसी से ये दिल जोड़ने का।
पर देख उन्हें अब लगता है कि,
वक्त है वादा तोड़ने का.......

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7 SEP 2020 AT 20:46

वो मुस्कुराकर प्यार के भीगे दर्द में यूं डूबो गए,
कि मंज़िल भुलाकर हम उनके प्यार में ही खो गए,
बस, उन्हें पाने के खातिर, हम फिर सारे बंधन तोड़ गए,
और इश्क़ की डोर से मानो, हमें वो रूह से ही जोड़ गए।

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23 JUN 2020 AT 17:06

પ્રેમ એટલે મારા વાદળ તારા પર્વત શોધે કે ક્ષિતિજ પર મળી શકાય,
પ્રેમ એટલે મારી આંખો તારી આંખ શોધે કે વિચારો માં મળી શકાય,
પ્રેમ એટલે મારું દિલ તને શોધે કે દરેક ધબકારે મળી શકાય,
પ્રેમ એટલે તને મળ્યા પછી વિરહ શોધે કે તારી યાદો માં મળી શકાય,
પ્રેમ એટલે મારો સુર તારો તાલ શોધે કે ગીતો માં મળી શકાય,
પ્રેમ એટલે મારી કલમ તારી સ્યાહી શોધે કે શબ્દે શબ્દે મળી શકાય

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31 MAY 2020 AT 21:31

रेत पर लिखा था कुछ मैंने,
पानी आते धूल गया।
दिल पर उसके लिखना चाहा,
कहानियों में घुल गया।
इश्क़ करने की राह में ये दिल,
इश्क़ करना ही भुल गया।
प्यार मेरा लिखने का ये,
हर पैंतरा फ़िज़ूल गया।

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23 MAY 2020 AT 17:17

उसकी हर अदाओं पर घायल हूं में,
वो है कोई जलपरी ओर सागर हूं में,
उसपे प्यार बरसाने वाला एक बादल हूं में,
वो शायरी है मेरी ओर शायर हूं में।

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23 MAY 2020 AT 13:32

वो प्यार ही क्या
जो मशहूर नहीं
वो आशिक ही क्या
जिसमें फितूर नहीं

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13 MAY 2020 AT 12:40

सालों बाद मुलाक़ात का दिन एक खड़ा था,
वो थे तो किसी और के पर ये दिल ज़िद पे अडा था।

मुस्कुराहट देख उनकी ये मन तो काफी हल्का था,
पर सच कहुं तो दिल मेरा ज़ोरो से भी धड़ाका था।

हाल चाल के बाद हमारी बात मानो थमी नहीं,
वो मुस्कुराके कह रहे पर लब्ज़ में उनके नमी नहीं।

वो ज़लील करते थके नहीं हम लब्ज़ तक ना बोल पाए,
सालों का वो रिश्ता शायद शब्दों में ना तोल पाए।

उस रिश्ते के खातिर उनकी आंखो में कोई ग़म नहीं,
हम आज भी उनके आशिक़ थे पर उनकी आशिकी हम नहीं।

घड़ी भी वक्त की उस पल दो पल के लिए थम गई,
जब उनके लिए वो बेवफ़ाई समजदारी बन गई।

बात करते करते फिर ये लब्ज़ भी मेरे थम गए,
जब मान लिए इस दिल ने की वो अपने पराये बन गए।

और जुदाई के वक्त वो हमसे कुछ ऐसी बात कह गए,
हम होठों से मुस्का दिया पर अश्क बेवफ़ा बन गए।

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11 MAY 2020 AT 11:59

इसकी सुनने को इसकी करने को
दिल नहीं करता मन नहीं करता

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11 APR 2020 AT 16:10

इश्क़ की महेफिल में आप इश्क़ से ही खफा हो,
गुस्ताख़ी माफ हो पर अब रहेम-ऐ-वफा हो।

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23 MAR 2020 AT 22:53

कभी जिनका प्यार से इंतज़ार किया करते थे,
आज उन्हीं के प्यार का इंतज़ार किया करते है।
कभी जिन्हें पाने की दुआ मांगा करते थे,
आजे उन्हें भूलने की ख्वाहिश रखा करते है।
कभी जिनकी यादों से भी महॉबत हुआ करती थी,
आज उनकी महोबत एक याद हुआ करती है।

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