saurabh anand   (SN2408)
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Joined 1 December 2017


Joined 1 December 2017
1 MAY 2021 AT 2:06

तुझे देखने के लिए मैं घंटों इंतज़ार करता
तु इससे ही समझ जाती मैं तुझे कितना प्यार करता....

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30 APR 2021 AT 1:17

तुमने कुछ यूं बदनाम किया की मेरा नाम हो गया
और ये किस्सा भी सरेआम हो गया
और जिसपे कहती थी की हक़ सिर्फ तुम्हारा है
आज भरी महफ़िल तेरा वो आशिक़ नीलाम हो गया....

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27 APR 2021 AT 1:30

उसकी आँखों में आज ये शख्स खो जाये
वो पहली वाली मोहब्बत आखिरी बार फिर हो जाये
और अगर खुदा भी पुछे की उसके बदले क्या देगा
मैं बोलूं उसे मेरा बना चाहे बदले मेरी जान ले जाये...

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23 APR 2021 AT 23:20


उनके लिए छोड़ा हम घर परिवार करते हैं
सिर्फ उन्हीं को देखने का कारोबार करते हैं
उनसे मिल कर मोहब्बत को खरीदना है
सुना है वो इश्क़ का व्यापार करते हैं....

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13 APR 2021 AT 23:55

हम तुम्हें खुद में कुछ यूँ खोजा करते हैं
मंदिर में फरियाद और रमजान में रोजा करते हैं....

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11 APR 2021 AT 9:32

मुझे उनसे अपने सारे सवालों का जवाब मांगना है
अपने इश्क़ का एक - एक हिसाब मांगना है
उनपे खर्च किये हैं मैंने जितने भी
उनसे वो सारा अपना इतबार मांगना है....

*इतबार - Sunday

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10 APR 2021 AT 19:29

चलो आज फिर एक काम करते हैं
ये दिल फिर तेरे नाम करते हैं
है इजाजत तुझे इसे फिर तोड़ जाने की
चलो आज फिर मेरे नाम को बदनाम करते हैं....

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7 APR 2021 AT 21:06

अब मेरे हम में तुम नहीं हो
छोर जा चुकी हो तुम कोई गुम नहीं हो
इज़्ज़त, परिवार और समाज के किस्से सुना कर
हुई थी जिससे मोहब्बत वो अब तुम नहीं हो....

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6 APR 2021 AT 20:57

मैं तो रो चुका अब तुम्हे भी रोना पड़ेगा
एक रोज तुम्हे भी किसी बेवफा का होना पड़ेगा
होगी मोहब्बत तुम्हे और बेतहाशा होगी
और फिर एक रोज तुम्हे उसे खोना पड़ेगा....

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4 APR 2021 AT 23:44

आज फिर उन गलियों में आना जाना हुआ
जहाँ इश्क़ मेरा था बेगाना हुआ
उस दिन ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से भूल जाना हुआ
जब किसी गैर की बाँहों में उनका सिमट जाना हुआ....

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