रोटी कमाने निकले और जवानी निकल गई
बचपन के सारे सपने और कहानी निकल गई
सोचा कभी फुर्सत में तुझे याद करेगें
ढूंढी जो तिज़ोरी तो निशानी निकल गई-
हमें हमीं से दूर कर दो
इतने पास आ जाओ के मजबूर कर दो
तुम्हें कसम है ये आंखें ना खोलना
कहीं नज़रें मिला के चकनाचूर कर दो-
बच्चों की झूठी कसमें खाके भी
समर्थन से सरकार बनाएंगे
वीआईपी कल्चर खत्म करेंगे
फिर खुद वीआईपी बन जायेंगे
स्कूल भले हम दो ही बनाएं
छह सौ ठेके नए बनाएंगे
जनता को शराबी बना करके
कई सौ करोड़ हज़म कर जायेंगे
मांगोगे जब साबूत कोई तो
ठुल्लू तुम्हे दिखायेंगे
काम करेंगे चाहे दो रुपए का
पांच सौ करोड़ के विज्ञापन में छपवाएंगे
रोहिंग्या, खालिस्तानियों से हाथ मिलाकर
खुद को राष्ट्र भक्त बतलाएंगे
हम यूटर्न में माहिर पार्टी हैं
सब पर उंगली उठाएंगे
ये कुर्सी हमको देदो बस
हम देश बेचकर खायेंगे-
बहुत परेशान हुए हैं तेरे जानें के बाद,
हम,
फ़िर से जवां हुए हैं तेरे जानें के बाद-
वो बदजलन हमे बेवफ़ा कहते हैं
जो ख़ुद अकेले हैं हमें तन्हा कहते है
एक हम हैं जो उनपे कुर्बान हुए बैठे हैं
एक वो हैं जो हमें ज़रा कहते हैं।-
पुरानी कहावत है
दूसरे की बीवी और अपने बच्चे सबको अच्छे लगते है।
But my father is different
उन्हें बच्चे भी दूसरों के ही अच्छे लगते हैं।
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After looking at my reports,
Doc:- You can't have cigarette, drinks, sugar, oil, ghee, outside food or any kind of carbs
Me:- Zeher?
Doc:- din me do baar garam pani ke saath-
'THE THREE MISTAKES OF MY LIFE'
Rokka Engagement and Shaadi
(actually I got rokafied twice so four)-
Taliban running Afganistan peacefully is like Modi running India democratically.
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