जब तुम वो करते हो जो सिर्फ तुम करना चाहते हो
तब तुम भूल जाते हो काफी कुछ
जो तुम्हे "तुम" नही रहने देता
जो तुम्हे बना देता निर्दयी व स्वार्थी
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Insta - saumyat17
Snap- saumyat8650
¶writer - hindi poetry
I feel like I'm highly drunk
with the wine of happiness
while floating in the ocean of
your thoughts in my mind...
trying to go deep into the ocean
so that I can find you.....-
Since day one..
When I met you...
I knew I'll never get you
But still the hopes are blind
And the heart...
its never in our hands...
So the hopes are alive
and the heart...
It still loves you......
But checkmate it's a game of fate...-
दुनिया से वक्त कुछ लेते आना
उम्मीदे, और कुछ सपने उन फूलो में सजा लाना,
आखों में सागर और होंठो पर किनारा ले आना
आत्मा को भक्ति में और प्रेम को दिल रख लाना
तुम जो आओ तो
जन्म से अनन्त तक का साथ और सफर ले आना,।-
न कल आएगा न कल जाएगा
यह क्षण अटल है , तू हर पल इसमे खुद को पायेगा
न पिछले क्षण में कुछ खोया था , न अगले क्षण कुछ पायेगा,
बस अगले क्षण का भ्रम लिए तू , यू ही फसता जाएगा ,।
यह क्षण में सृष्टि है , सृष्टि करता भी है
फिर तू किस अगले क्षण में जायेगा
इस क्षण में जीना सीख ले ,
यही तेरा अस्तित्व तुझे मिल जाएगा
केवल तू ही नहीं यह संसार , यह ब्रह्मांड , भी इस क्षण में है,।
यह क्षण अटल सत्य है यह जान ले तू अब ,
इस जीवन के खेल में अपने अस्तित्व को पहचान अब
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वह समझ न सका हम समझा न सके ,और फिर एक कहानी के दो किरदार ,कुछ किस्सों मे ही रह गए...-
कुछ लिखू तो क्या लिखूं
जो बीत गयी वो बात लिखूं
या फिर कोई नया ख्वाब लिखूं.-
यह संसार मे अणु मात्र तेरा संसार है
फिर क्यो , संसार से भी बड़ी तेरी समस्याएं है
जीवन समस्या है , मृत्यु भी समस्या है ,
जैस इक व्यक्ति ,
जिसे जीवन का बोध नही ,
पर समस्याएं अपरंपार है
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कोई राह जिसकी मन्ज़िल तुम हो
बता दो हमे,
ये मोड़ो पर इंतज़ार नही होता अब,
कोई तो अंत होगा इस सफर का,
वही समझा दो हमे,
यह किस्मत का दस्तूर भी देखो,
जहां तुम न मिले , वही खो गए हम...-
भटकते हुए राहो में , ज़रा ठहर कर सोचना,
तुम हो कहाँ...
इस दुनिया मे हो या खो गए हो कहि,
फिर ज़रा , होश में देखना ,
तुम हो जहां , वहाँ से मन्ज़िल है कहाँ,
कुछ न दिखे तो फिर सुनो,
जिस राह मन्ज़िल न मिली , क्यो भटक रहे हो वही,
जरा खुद से कुछ सवाल करो ,
तुम इतना भी सही नही जितना गलत नही,
अब ये मन की बेड़ियों पर वार करो ,
और फिर इक सवाल करो ,
तुम हो कहाँ....
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