एक जहां बनाया है मैंने!
@सौम्या तिवारी
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अब ख्वाबों के पीछे भागती नहीं मैं,
बेबात रातों को जागती नहीं मैं,
हक़ीक़त का आईना खुदको जहाँ दिखाया है मैंने,
एक जहां बनाया है मैंने!
जबसे बड़ी हुई हूँ एक जहां बनाया है मैंने!
भूली बिसरी यादों को जहाँ छुपाया है मैंने!
एक जहां बनाया है मैंने!
@सौम्या तिवारी-
दिलासों का एक शोर है,
दिल में झांका तो कुछ और है,
बेबुनियादी रिश्तों को भी जहाँ निभाया है मैंने,
एक जहां बनाया है मैंने!
यक़ीन तो अब भी उतना नहीं है,
मगर सोचा है कि रुकना नहीं है,
ऐसी बड़ी-बड़ी बातों से खुदको जहाँ समझाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
@सौम्या तिवारी-
जबसे बड़ी हुई हूँ एक जहां बनाया है मैंने!
भूली बिसरी यादों को जहाँ छुपाया है मैंने!
बचपन छीना है जिसने,
बहुत रुलाया है जिसने,
उस समझदारी के बोझ को जहाँ उठाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
दुनिया की एक रीत है,
हार पर भारी जीत है,
हारके भी ज़ज़्बात ए इनाम जहाँ सजाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
@सौम्या तिवारी-
जबसे बड़ी हुई हूँ एक जहां बनाया है मैंने!
भूली बिसरी यादों को जहाँ छुपाया है मैंने!
बचपन छीना है जिसने,
बहुत रुलाया है जिसने,
उस समझदारी के बोझ को जहाँ उठाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
दुनिया की एक रीत है,
हार पर भारी जीत है,
हारके भी ज़ज़्बात ए इनाम जहाँ सजाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
दिलासों का एक शोर है,
दिल में झांका तो कुछ और है,
बेबुनियादी रिश्तों को भी जहाँ निभाया है मैंने,
एक जहां बनाया है मैंने!
यक़ीन तो अब भी उतना नहीं है,
मगर सोचा है कि रुकना नहीं है,
ऐसी बड़ी-बड़ी बातों से खुदको जहाँ समझाया है मैंने।
एक जहां बनाया है मैंने!
अब ख्वाबों के पीछे भागती नहीं मैं,
बेबात रातों को जागती नहीं मैं,
हक़ीक़त का आईना खुदको जहाँ दिखाया है मैंने,
एक जहां बनाया है मैंने!
जबसे बड़ी हुई हूँ एक जहां बनाया है मैंने!
भूली बिसरी यादों को जहाँ छुपाया है मैंने!
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गिद्धों को मानव बना कर भगवान तो पछताया ही होगा,,
फिक्र तो मुझे उस माँ की है जिसके कोख से तू आया होगा।अरे! हैवानों क्यों न अब पहले की सदी को दोहराया जाये,,
अगर सत्ता खोने के डर से बेटियाँ को मारना सही था,,
तो अब पाप होने के डर से कोख में बेटों (हैवान) को भी मारा जाये।
#stoprape-
*_🛕 Diwali-Ritual of Gharonda🛕
The ritual of Gharonda is conducted by the daughters only until she is married off to a new house., In this custom the daughters of the house, not married yet, make a miniature house with mud, cardboard or clay and decorate it with colours, lights and diyas and worship it as the symbol of happiness, prosperity of the family. It is the presence of the daughters that spreads happiness in the house and so they should be the one worshipping the biggest wealth of the family, the house and all the memories attached with it... #HappyDiwali🪔🕯️_*-
Galatfehmiyan pali thi aulad ki tarah,,
wo bhi aulad ki tarah kalyugi nikli..-
Shikayat unse nahi hai ki wo mante nahi,,
Kabiliyat hum me hi nahi unhe manane ki..-