ना कर ख़्वाबों को छोटा तू जो तेरी आँखें है देखती,
वो हसरतों की धूप में जो है हज़ारों सपने सेकती,
तेरी हर पसीने की बूँद भी मोती में बदल जाएगी,
ऐ राही बस तू चलता जा तुझे मंज़िल मिल ही जाएगी।
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Pehle do Bachchan ka fan.
Alag level ka scene!
दुनिया के इस शोर में क्यों आवाज़ तेरी है गुमसुम यूँ,
हर दिन की भाग दौड़ में क्यों खोता है यूँ खुद को तू,
टूटने दे ना खुद को तू तेरी मेहनत काम आएगी,
ऐ राही बस तू चलता जा तुझे मंज़िल मिल ही जाएगी।
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कब तक अपने सपनों को किस्मत के भरोसे छोड़ेगा,
बात ये तू जान ले हवाओं का रुख़ तू मोड़ेगा,
औकात है तेरी दुनिया में ये दुनिया भी मान जाएगी,
ऐ राही बस तू चलता जा तुझे Manzil मिल ही जाएगी।
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इश्क़ के Tarannum में गोते जो लगाये,
जितनी गहराई ढूंढें उसमें उतना डूबा जाए,
खुद ही से करे कश्मकश फिर कि मंज़िल तक जाना नहीं,
सफ़र अभी अधूरा है क्योंकि पिया अभी तक माना नहीं।
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सुबह होते ही लग गए सारे शायर कतार में,
के हुस्न उनका चल रहा था लेकर नई कहानियाँ।
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हो वक़्त भले बेसब्र अगर,
तू वक़्त की नब्ज़ को कस के पकड़,
तेरा भी वक़्त आएगा,
सब्र का रस मिल जाएगा,
कब्र में रख दे अपना डर,
जा अपने Waqt से दोस्ती कर!
- Farzi Gulzar-
बदले बदले से है आज हवाओं के रुख,
Jarur कहीं शहर में ज़िक्र-ए-यार हुआ है।
- Farzi Gulzar-
शाम के धुएं में ऐसा अक्सर मैंने सोचा है,
कि जाने कब बदल गयी ज़िन्दगी...
From Corn Flakes to Gold Flake!
-FarziGulzar-
बहुत उम्दा हष्र किया है Dil-e-Nadaan ने हमारा,
Muskurahat दिल के रास्ते चेहरे पे दस्तखत देती है आजकल!
-FarziGulzar-