Saubhagyalaxmi JULIET   (सौभाग्यलक्ष्मी(Juliet))
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Joined 1 February 2019


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Joined 1 February 2019
8 JUN AT 19:59

If i may lotus then you're my sun, if i may lily you're my moon!Not only sake of supportive accompany, but sake of my eternal Strength!

যদি পদ্ম হয়, তাহলে তুমি আমার সূর্য, যদি হয়, তাহলে তুমি আমার চাঁদ!কেবল সহায়ক সাথীর জন্য নয়, বরং আমার চিরন্তন শক্তির জন্যও !

अगर मैं कमल होऊं तो तुम मेरे सूर्य हो, अगर मैं कुमुद होऊं तो तुम मेरे चंद्रमा हो, केवल साथ देने के लिए नहीं, बल्कि मेरी शाश्वत शक्ति के लिए!

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17 MAY AT 14:36

When Two Writers Fall in Love
Attachment comes early, deep yet free,
Both feel emotions, silently.
No pain to give, no fake goodbyes,
Just healing lines and teary eyes.

They write, not fight; they rhyme, not rage,
Their love — a novel, page by page.
They don’t forget, don’t celebrate loud,
They dream together, heads unbowed.

Truth in words, no lies to bluff,
For them, even silence is love enough.

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17 MAY AT 13:47

कुछ भुलाना, कुछ याद रखना,
कुछ को नजरअंदाज़, कुछ को महत्व देना।
कभी समेटना, कभी बिखरना,
कभी हारना, कभी जीतना।
कभी फूट-फूटकर रोना,
तो कभी बेवजह मुस्कराना।
इन तमाम रंगों से ही तो,
ज़िन्दगी का चित्र बनता है सुन्दर और सजीव।

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9 MAY AT 12:01

मंदिर में दाना चुगकर चिड़ियाँ,
मस्जिद में पानी पीती है।
मैंने सुना है राधा की चुनरी
कोई सलमा बेगम सिला करते थे।
एक रफ़ी थे महफ़िल में,
रघुपति राघव राजा राम गाया करते थे।
एक प्रेमचंद थे जो,
बच्चों को ईदगाह सुनाया करते थे।
अब्दुल कलाम, जो हर धर्म को प्रणाम करते थे,
मंदिर में दीप जलाकर,
मस्जिद में सजदा करते थे।
रसखान ने वृंदावन को अपना स्वर्ग माने,
बालगोपाल के संग स्नेह निभाना जाने।
तुलसीदास की कलम में
सब धर्मों की गूंज समाई थे।
कोई शंकर भी थे, जो कुरान पढ़कर
राम के नाम से रो लिया करते थे।
और सालबेग—जो इस्लाम में जन्मे थे,
पर श्रद्धा से जगन्नाथ को गाये थे।
रथयात्रा की राह में जिसने
भक्ति से गीत सुनाये थे

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25 APR AT 22:25

यदि नग्नता ही कामुकता की जननी होती,
तो चिकित्सक सबसे बड़े वासना-विपणन में लिप्त होते,
और कलाकार वेश्यालयों में रंग भरते फिरते!

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21 APR AT 1:03

क्या है ये विवाह?


विवाह तब तक ही सुंदर है,
जब तक उसमें है प्रेम और आदर का स्वर।
वरना ये बस एक मजबूरी की गठजोड़ है
जिसमें न सुकून है, न असल ज़ोर।

(Read the caption)

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13 APR AT 21:14

औरत कुछ नहीं भूलती!
रुलानेवाला को,रोना पोछनेवाला को और सम्भालनेवाला को भी ।
इज़्ज़त देनेवालों को दिल पर दर्जा और
बाकी सबको कचरा के तरह फेंक देती है।

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7 APR AT 19:54

---प्रभु की योजना---

ईश्वर यूँ ही नहीं रचते विधियाँ,
ना ही यूँ ही संसार रचाई होती।
हर सृष्टि, हर रचना में,
छिपी होती है सोच गहराई होती।
समस्या के बाद आता समाधान,
उलझन के बाद ही सुलझाव का विधान।
हर खूबसूरती, हर रंग, हर एहसास,
योजनाबद्ध हैं — न कोई संयोग,
न आकस्मिक विश्वास।
जैसे सुबह रवि की किरणें कठोर लगें,
पर वही कठोरता ठंडक बन पलकों पर ठहरें।
फिर चाँद का सौम्य वरदान बहे,
और शाम की मिठास रूह में बसे।
इसलिए मन! क्यों चिंताओं में डूबा रहे तू,
तेरे रब ने सोच-समझ कर
हर खूबसूरती तेरे लिए सहेज रखी है।
सुबह भी तो इंतज़ार करती है
शाम की रूहानी छाया का,
तो तू भी सब्र कर —
खूबसूरती अगर सच्ची है,
तो आने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही है

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18 MAR AT 11:34

Nobody can't desire even
to make anybody else like them,
Instead of Father,Mother & Guru.

Because they want to create somebody
else like more than themselves.

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18 MAR AT 10:59

अनार के दाने, जैसे लाल मोती,
रस में घुली मिठास की ज्योति।
निकला जूस जब छन-छन करके,
हर घूंट लगे ताजगी भरके।

पर सीधा-सादा क्यों पिएं इसे,
थोड़ा ट्विस्ट मिलाकर देखिए।
जल्पदी पाउडर का कमाल,
चटपटा स्वाद लगे बेहाल!

काला नमक, मसाला तड़का,
गर्मी को दे झट से झटका।
बर्फ के टुकड़े, ठंडक लाए,
हर घूंट में जादू सा समाए।

Juliet’s Kitchen का ये जलवा,
हर घूंट में लगे एक नया सपना।
मसालेदार, ठंडा, चटपटा, खास,
जो पी ले बस बोले –
"वाह! क्या बात है!"

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