खुली हवा, खुला आसमान
ना कोई बंधन, ना कोई सवाल
बस प्यारी सी मुस्कान साथ लिए
खुशी खुशी अपनी ज़िंदगी जी रहे है.....
सौ. मनोरमा मुसळे
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मनातील विचारांच काहूर , तर कधी अनुभवलेले क्षण
शब्... read more
हवा में कोई खुशबू नई सी है
सूरज की किरणें भी मुस्कुरा रही हैं
लगता है आज ज़िंदगी कुछ कह रही है....
सौ. मनोरमा मुसळे
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जलते रहना ही मेरी पहचान है
अंधेरों में भी रोशनी देने का अरमान है......-
थोड़ी सी ठंडी हवा का साथ,
बस इतना ही काफी है
दिन को खूबसूरत बनाने के लिए आज ...
सौ. मनोरमा मुसळे
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लहान सहान तक्रारीत या
प्रेम आपल वाढत जाते
रुसवे फुगवे, वाद विवाद
यांनीच तर नाते आपले घट्ट होते.......
प्रेमाची ही वेल आपली
अशीच नेहमी फुलू दे
झालाच जरी वाद कधी
तू मला समजून घे........
आयुष्याच्या वेलीला या
खतपाणी देत राहू
आलेच जरी वादळ कधी
त्या वादळाला पळवून लावू......
असे गुंफू नाते आपले
दोन जीव एक प्राण होऊ
नियतीने जरी मांडला डाव
तो डाव मोडून पुढे जाऊ.. ....
आपल्या आयुष्याची वेल
अशीच नेहमी बहरू दे
शेवटच्या श्वासापर्यंत
हातात हात तुझाच असू दे.. ......
सौ. मनोरमा मुसळे-
बस अब उन गालियों में सिर्फ
यादों का ही बसेरा है
जो गुजारे थे कुछ पल
बस उन्हीं का सहारा है.....
सौ. मनोरमा मुसळे
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हर जिम्मेदारी के बिच भी मुस्कान रखी है मैंने
जिंदगी के भीड़ में खुद की पहचान रखी है मैंने....-
उचित अनुचित हर बात से
सीखते चले हम
ठोकरों को सीढ़ी बनाकर
आगे बढ़ते चले हम ....-
हर मोड़ जिंदगी का एक नया इम्तिहान लाता है
जो रुक जाए वहीं, ओ मंजिल कैसे पाता है
गिरना तो बस सफर का एक हिस्सा है
जो उठे फिर मुस्कराकर, वहीं असली किस्सा है.....-