SATYENDRA SINGH PATTA   (Monu$)
80 Followers · 144 Following

read more
Joined 27 January 2020


read more
Joined 27 January 2020
21 OCT 2024 AT 13:40

जिम्मेदार बनने के चक्कर में कब मैं जानवर बन गया पता ही नहीं चला तो अब जब मैं जानवर बन ही चुका हूं तो इस फितरत को जिम्मेदारी की तरह निभाउ या फिर पूरा खोखला जानवर बनकर क्योंकि जिम्मेदारी से मैं कभी भागा नहीं और जानवर मै आज भी ऐसा ही हूं जिसे फर्क पड़ता है चीजों से।

-


21 OCT 2024 AT 13:15

दिल और दिमाग दोनों खामोश है अब मेरा
क्योंकि मेरी नियति से मेरा तकरार हो चुका है
गलत ना वो है और ना मैं पर फिर भी सब गलत है
अब सारा खेल वक्त खेलेगा
घूमाएगा अपना पहिया और बतायेगा
की सबसे बेहतर विकल्प क्या है मेरे पास।

-


27 SEP 2024 AT 13:10

अगर कभी हालात ऐसे हो जाए ,
कि आपको बोला जाए कि आप चुन लीजिए,
क्या करना चाहते हैं आप तो उस वक्त किसी भी चीज को चुनने से बेहतर आप बस शांत हो जाइए
क्योंकि आप उस वक्त जो भी चुनेंगे बाद में आपको मजबूर करेगा ये सोचने पर कि मैं उस वक्त कुछ गलत तो नहीं चुन लिया और वहीं अगर आप शांत रहेंगे तब कुछ वक्त बाद या तो चीज हमेशा के लिए सही हो जाएंगी या फिर वो जो सवाल था चुनने वाला उसका सबसे बेहतर जवाब आपको मिल चुका होगा।

-


24 SEP 2024 AT 12:01

जिंदगी में हो रहे सन्नाटो का जायजा कौन करेगा
कौन ये बतायेगा की गलतियां हुई कहां पर
क्योंकि समझदार तो हम भी अपने आप को बहुत बड़ा मानते हैं फिर कौन हमें ये समझाएगा कि गलतियां उम्र का हिसाब नहीं पूछती ये तो बस होती हैं जिन्हें लोग समझ कर सुधार सकते हैं या नहीं समझ कर सब बिगाड़ सकते हैं।

-


9 SEP 2024 AT 11:56

ना शिकायतों का दौर बचा ना ही सवालों का ,
क्योंकि जिंदगी अब उस मोड़ पर है ,
जहां या तो हालातो से समझौता कर लिया जाए या फिर सब कुछ छोड़कर एक ऐसी जिंदगी जिया जाए जिसकी नींव रखने के बाद से लेकर नीव हटाने तक ये बात बहुत अच्छे से मालूम हो कि हम बस अकेले हैं और हमारा कोई नहीं !

-


9 AUG 2024 AT 9:19

मुझे गर्व है मेरे आदिवासी होने पर ,
इस मिट्टी में मेरा जन्म हुआ ये सौभाग्य है मेरा ,
सिखा है मैंने मेरे पूर्वजों से बड़ों का आदर और छोटों का सत्कार करना ,
कर्म को अपने पूज कर सेवाभाव से सबका सम्मान करना ,
जमीन से जुड़ा एक इंसान हूं मैं ख्वाब आसमां को छूने के ज़रूर है पर मेरी सन्सकृति मेरी पहचान से जुड़ा इंसान हूं मै
(happy world indigenous day)

-


23 JUL 2024 AT 17:51

कई बार मेरा इश्क मुझसे पूछता है कि तुम्हें मुझमें अच्छा क्या लगता है मैं अक्सर इस सवाल का जवाब नहीं देता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि इसका जवाब मेरे पास खुद नहीं है ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कोई एक चीज है ही नहीं जो मुझे उसकी पसंद आती हो उसकी कई आदतें हैं बहुत सी बातें हैं और कई ऐसी चीजें हैं जो मैं शब्दों में बता नहीं सकता बस ये जानता हूं और यही उससे भी बताता हूं कि बस तुम अच्छी लगती हो।

-


19 JUL 2024 AT 11:35

मैं सिर्फ तेरा मुझे देखने का इंतजार करता हूं
क्यो करता हूं पता नही
पर तेरे देख लेने से मेरा रूठा मन जो काम से परेशान लोगों से परेशान रहता है
एक पल में सारी बातें भुलाकर तुझमें खोने को मजबूर कर देता है मुझे

-


8 JUL 2024 AT 16:43

हमारी नादानिया अलग है एक दूसरे से
फर्क है रहन सहन तौर तरीकों में
सोच भी अक्सर मेल नहीं खातीं हमारी
बातों से ज्यादा तो झगड़े हैं हमारे
अलग होकर भी देख चुके हैं कई बार हम एक दूसरे से
पर पता नहीं क्यूं हर बार एक दूसरे से अलग ही नहीं हो पाते
कभी कभी कोशिश करते एक दूसरे की आदतों से समझौता कर लें
फिर गुस्से में लड़ भी लेते हैं
तब समझ आता है कि शायद जोड़ियां ऐसे ही बनती है जिसमें एक बूंद नमक एक बूंद शहद मिलकर ही मोहब्बत बनाते हैं

-


6 JUL 2024 AT 22:46

इश्क की फीतरत का जायजा कुछ ऐसे लगाइए
जिनसे मोहब्बत है उनके बजाएं खुद को आजमाइए
कह दीजिए अपनी ज़ुबान से की आप हमारे कुछ नहीं लगते और फिर दिन रात उनकी याद में खुद को जलाइए
नफा क्या होगा ये भूल जाइए बस नुकसान क्या हुआ ये आजमाइए जवाब मिल जाए तो मुस्कुराइए वरना यूं ही दर बदर भटक कर खुद में गुम हो जाइए।

-


Fetching SATYENDRA SINGH PATTA Quotes