सब खतम होने की कगार पर है !
मैं खुद को खोने की कगार पर हूं !
मैं चाहता हूं कि जो समझे मुझे,
उसे ही खोने की राह पर हूं....@गुड़िया!!
संभालो प्रभु...एक तो तुमने भेजा सिर्फ एक मेरे लिए और वो मुझे समझती नहीं!
उसके लिए रोता हूं,रोज इंतजार करता हूं,
अपनी जिंदगी में शामिल रखता हूं
उसके बारे में सोचता रहता हूं,
अपनी हर बात कहता हूं,उसका ध्यान रखता हूं,
पर वो मुझे बोझ समझती है,अपनी जिन्दगी से दूर रखती है,
चाहता हूं कि बस वो ही समझ ले मुझे,पर हर पल दूर जाने का एहसास देती है !
अक्सर मेरा दिल तोड़ देती है,
रोता हुआ छोड़ देती है,
जैसे उसे कोई मतलब ही ना हो,
न जाने क्यूं ऐसा बर्ताव करती है,
न जाने क्यूं जो पहले सब समझती थी,
अब समझकर भी नहीं समझती है,
बस मुझे आंसुओं का सैलाब देती है,
डरता हूं कही खो न दूं उसको,
इसी डर में खुद को रोज खोता हूं,
सोचता हूं संभल जाऊं उसके बिना,
पर हर रोज दस बार गिरता हूं,
चाहता नहीं हूं खोना उसे ,पर उसे अब रोज खोता हूं....
@ गुड़िया!!
‘आहत मन’!
😓😓😓✍️ गधादास 😭
-