Satyam Verma   (•सत्या🖋️•)
76 Followers · 37 Following

read more
Joined 16 December 2017


read more
Joined 16 December 2017
17 DEC 2017 AT 15:19

आसमान अपनी बुलंदीयों पे बहुत इतराता है!
ये भूल जाता है की वो जमीन से ही नजर आता है!

-


15 JAN 2022 AT 9:21

मुझे चाहत नहीं है किसी कारवां की "ज़ानिब",
मंजिल-ए-इश्क में एक शख्स ही काफी है_

-


12 JAN 2022 AT 20:13

फिर कहां मुझे कुछ याद था?
जबसे याद आए थे तुम मुझे_

-


11 JAN 2022 AT 16:52

मेरी तरह कोई टूट कर चाहे,तो कहना,
तेरी तन्हाई में कोई ठहर जाए,तो कहना,
मिलेंगे बहुत तुम्हें,तुम्हारे कपड़े उतारने वाले,
जो कोई दुपट्टा तोहफे में दे जाए,तो कहना_

-


10 JAN 2022 AT 18:22

बीत गया ये साल भी,कुछ हासिल नहीं हुआ,
फिर एक दफा हाथ अपना मलते ही रह गए_

-


9 JAN 2022 AT 12:34

बहुत बचाया था रिश्ते को,आग की लपटों से_
इक रोज़ तंग आकर हमने,माचिस लगा दिया_

-


8 JAN 2022 AT 11:40

गूंजती है तुम्हारी बातें,आज भी मेरे कानों में_
वो तुम्हारा कहना की तुम सिर्फ मेरे हो_

-


7 JAN 2022 AT 16:10

अगर चुनना पड़ा "तुममें" और "विरह" में,
तो मैं "विरह" का चयन करूंगा,
क्यूंकि,
"मिलन" में समय के साथ "प्रेम",
सीथिल होता दिखाई पड़ता है,
परंतु,
"प्रेम" की प्रमुखता तो केवल विरह में ही संभव है_

-


1 JAN 2022 AT 7:23

जनवरी की तरह ख़्वाब दिखाने वाले बहुत मिलेंगे,
मगर,
जो दिसंबर की तरह हकीकत से रूबरू कराए,
वो सच्चा होता है,
इसलिए मुझे दिसंबर ज्यादा प्यारा है,जनवरी से_

-


22 NOV 2021 AT 10:36

मुझे दुनिया भूल जाए, इसका कोई ग़म नहीं_
तुम भी मुझे भूल गए, इसका मलाल बहोत है_

-


Fetching Satyam Verma Quotes