Satyam Tiwari   (मासूम बच्चा)
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Joined 18 September 2020


Joined 18 September 2020
8 MAR 2023 AT 9:05

फागुन का महीना , खुशियों की बहार है,
सुहाना मौसम , ये प्रकृति की पुकार है,
अपनों के संग हम खुद को रंगे
अबीर, गुलाल और प्रेम के रंग में,
मुबारक हो आपको ये होली का त्यौहार है।।

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19 JUN 2022 AT 14:05

ईश्वर है या नहीं ये तो मैं नहीं जानता पर हमने जरूर अपने आसपास ईश्वर के उस स्वरूप को देखा है जो हमें तनिक सा भी एहसास ही नहीं होने देते कि हम अकेले हैं।
कुछ किवनदंती इसे Conditional love की श्रेणी में रखते हैं।वो चाहते है कि उनकी पहचान उनके नाम से नहीं अपितु उनके बच्चों के नाम से हो। वो हमारे लिए वो सब कुछ करते हैं जो एक माँ करती है सिवाय जन्म देने के।
कहते हैं कि केवल मां ही रोती है परंतु मैने एक पिता को भी रोते देखा है पर शायद उसके आंसुओं को नहीं देखा क्यूंकि उनके लिए आंसुओं का कोई महत्व नहीं; अगर वो खुद आंसुओं से भरा होगा तो माँ को कैसे समझा पाएगा कि रोते नहीं, कैसे वो उनके आंसुओं को पोंछ पाएगा ।
शायद हम में से बहुत कम ही होते हैं जो अपने पिता से दिल की बातें कर पाते हैं और तो और हमें ये भी नहीं पता होगा कि कब हमने उनसे आखिरी बार बात की होगी,कब उनसे पूछा होगा कि तुम ठीक हो ना क्यूंकि हम ऐसे समय में जी रहें है जहां मात्र उनकी फोटो लगाकर FATHER'S DAY मना लिया करते हैं।
हमें जरूरत है उनसे बात करने की,यदि हम उनसे बात नहीं करेंगे तो कौन करेगा ? उनके जीवन को समझे, पता करें कि कोई परेशानी तो नहीं है। उनके साथ समय बिताएं, उनकी पसंद नापसंद पूंछे ताकि उन्हें भी अपनेपन का एहसास बना रहे,और हम भी सतत् प्रयास करते रहे कि उन्हें निराश न होने दें।

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10 MAY 2022 AT 10:40

हे! पता है न ज़िंदगी कितनी अनमोल है, किंतु शायद माँ से ज्यादा नहीं क्योंकि माँ ही तो है जो हमारे जीवन को अनमोल बनाती है। हम जैसे-जैसे ज़िंदगी की सीढ़ियों पर आगे बढ़ते हैं पर सच कहें तो वह हम नहीं बल्कि माँ ही हमें आगे बढ़ाती है अपनी उस मेहनत, त्याग और अपने उस प्यार से; जिससे हम निरंतर सिंचित होते रहते बिना किसी शर्त के (Means "Unconditional Love")।
हर किसी के जीवन का माँ ही सबकुछ पहला होती है फिर चाहे वो पहला गुरु, भगवान, दोस्त ,यार या फिर पहला प्यार; यही नहीं हर मुश्किल का हल भी वही है।
हमें जररूत है कि हम भी उसकी हर मुश्किलों में भी साथ ना छोड़े जैसा कि उसने भी हमें अपने से अलग नहीं होने दिया किसी भी परिस्थिति में।
MOTHER'S DAY

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14 APR 2021 AT 19:54

कोरोना मे अस्पताल की हालत ऐसी हो गई है कि जैसे बचपन में स्कूल में बोरी लेकर जाना पड़ता था
अब लग रहा अस्पताल में भी अपना बिस्तर लेकर जाना पड़ेगा।

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