Satyam Tiwari   (Sattu)
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Joined 26 December 2018


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3 JAN 2022 AT 23:52

तुमसे प्रेम करना विवशता नही थी मेरी और न ही आकर्षण को मैने प्रेम का नाम दिया,मेरा हृदय तुम्हारे प्रेम में पड़ गया,और ये अभी तक तुम में ही डूबा हुआ है,और ये डूबा क्यू इसका उत्तर अभी तक न मिला,पूछने पर ये हृदय ये कहकर निर्रूतर कर देता है की

"कोई उसके प्रेम में सदैव के लिए डूबा क्यू न रहे ?"

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3 JAN 2022 AT 21:23

मनुष्य ने ईर्ष्या का जवाब दुगुने ईर्ष्या से दिया जबकि इस ईर्ष्या को प्रेम की आवश्यकता थी,और मिलते हुए प्रेम को आंखें मूंदकर नकारा,जबकि ये प्रेम कम से कम प्रेम का नही तो, ईर्ष्या का अधिकारी तो जरूर ही था....

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30 DEC 2021 AT 3:24

तुम्हारे आते ही उसका जीतना,तुम्हारे जाते ही वो कुछ इस तरह हारने लगा है,

इश्क से पहले, ठीक ठाक आदमी था,
देखो..!! शाला अब हाथ पत्थर पर मारने लगा है....

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29 DEC 2021 AT 0:42

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12 DEC 2021 AT 14:51

लेखकों ने नही चाहा तलवार उठाना,उन्होंने कलम उठाया,जब उन्हें दो विकल्प मिले थे सृष्टि के प्रारंभ में चुनने को, बस शर्त उन्होंने इतनी सी रखी ईश्वर के सामने की उनकी कलम चोरी नही होनी चाहिए और न ही टूटनी चाहिए, क्यूंकि पता उन्हें भी है कलम की मान और ताकत तलवारों ने ही रखी है,वो टूटे हुए कलम से क्रांति तो ला देंगे, पर क्रांति जब तलवार की धार पर चलने को कहेगी वो कलम को जेब में और तलवारों को म्यान से भी निकाल लेंगे, बस क्रांति देश की रक्षा और उसकी संस्कृति के लिए हो,प्रेम के लिए वो बस कलम का ही उपयोग करेंगे, सहिष्णुता के अंतिम छोर तक.....

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8 DEC 2021 AT 16:47

लेखकों पर यकीन कर लेना,उनकी लेखनी पर नही, हम सच को कल्पना मात्र और कल्पनाओं को सच कहते है,दोष हमारा नही,सच को आप झेल नही पाएंगे,सच का सुकून तो अच्छा होता है पर उसका दुख बड़ा ही भारी... हमने दुख में सुख लिखा है और सुख में कुछ भी नही,जब हम उदासीन थे हमने किताबें लिखी भावनाओं से भरी हुई, हमे वक्त चाहिए खुद को समझने में,बाकी जो भी है वो है ही बस,सच को ढूंढना आपका काम है,हमारा काल्पनिक सच या सच को कल्पना लिखना .......

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8 DEC 2021 AT 16:32

किताब पढ़ने वालों ने पढ़ी होंगी कल्पनाएं या किसी और का सच या झूठ या लेखक की पीड़ा या खुशी,तुम्हारे चले जाने के बाद मैने पढ़ना छोड़ दिया,मेरे लिए तुम मेरे जीवन की पहली और अंतिम किताब थी,जिसकी कल्पना भी तुम,कहानी भी तुम,और लेखिका भी तुम ही थी,मुझे तुमको पढ़ना था अपने अंतिम दिनों तक,खैर तुमने शायद मुझे अनपढ़ समझ लिया होगा या शायद तुम्हारे प्रेम में पड़कर मैने खुद को पढ़ा लिखा.... अब जो भी हो, अब कुछ पढ़ने का मन नही करता, बस तुम्हे लिखता चला जा रहा हूं,कब तक लिखूंगा पता नही,बस डर ये लगता है की जैसे तुमने मुझसे तुमको पढ़ने का हक छीन लिया,एक दिन ये तुमको लिखने का भी हक न छीन लो... डर शायद बस इतना ही है,तुम्हे खो देने का डर तो तुमने पूरा कर दिया,इसको मत पूरा करना बस इतनी ही उम्मीद है तुमसे....

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26 NOV 2021 AT 3:33

He knows what pain you are going through, he wants to put his hand on your shoulder but he will not keep it, he knows that these hands which are kept on the shoulder are not minor, he can't take it back after placing them once and still if he does it,it will be a sin.

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27 OCT 2021 AT 0:21

Happy Birthday Scorpio ♏ 🦂

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12 OCT 2021 AT 22:33

पैसे ने जबसे प्रेम ढूंढना शुरू किया है, प्रेमियों ने भी प्रेम का व्यापार बंद कर, पैसा ढूंढना शुरू कर दिया... अंततः घाटा होना स्वाभाविक है।

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