चमकती सी राह हो कहीं।
हर दिल में जलती हो लौ,
उजालों की चाह हो वहीं।-
Satyam Sholankey
(©Sholankey)
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Poet || writer ||editor of IRIS ||member of commonplace || coordinator at Indrdhanush - a... read more
Joined 4 March 2017
19 NOV 2024 AT 21:12
19 NOV 2024 AT 21:10
बस प्यार से साथ चाहिए।
हर ग़म में हो तू संग मेरे,
खुशियों में तेरा हाथ चाहिए।-
14 NOV 2024 AT 21:07
दिल का हाल कोई सुन पाता
कुछ तो दर्द मिटा जाता
हर ग़म से हमें बचा जाता-
14 NOV 2024 AT 20:41
सपनों की उड़ान हो,
कर्म से जोड़े जो रिश्ता,
हर मंज़िल आसान हो।-
13 NOV 2024 AT 21:19
मन को फिर भी शांत न पाया।
सच्चे सुख की खोज में निकला,
अंतस का दीप जलाया।
आत्मा की गहराई में जाकर,
खुद को मैंने पहचाना।
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20 JUN 2021 AT 22:07
पिता ...
जब सब साथ छोड़ जाते है
लेकिन एक व्यक्ति बना रहता है
जीवन का पथप्रदर्शक
अपनी अंतिम साँसों तक
सब कुछ ना कुछ
लेकर जाएँगे
लेकिन वो अपनी हर चीज
आपके लिए छोड़ जाएँगे
जब डराती रहती है दुनिया
हँसाता है वो
कभी खिलौना लाते है
कभी खुद ही खिलौना बन जाते है
अपनी सारी ख्वाहिशों की दृष्ट दे जाते है पिता
सब कुछ छोड़
प्रेम और आशीर्वाद दे जाते है पिता |-