कैसे बयां करूं
अपनी खुशी का राज
बस तेरा ये वक़्त पर
Reply कर देना ही
मुझमें जान डाल देता है......!-
अपनी चाहतों को
कैसे बयां करूं ऐ ग़ालिब
ख्वाहिश तो बस तुम्हें
अपने कलाई का धागा बनाने का है....... !-
मेरे सामने अकड़ न दिखाओ जनाब
यहां आप जैसे कई पर्वत
और समुंदर फतह हो चुके हैं
मेरे पैरों तले ........!-
खुश नसीब होते हैं
बादल जो दूर रहकर भी
ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं
जो एक ही दुनिया में रहकर
भी मिलने को तरसते हैं....!-
जब जब मुझे था कभी लगा ,
कि मै तेरे लिए *खास* हूं--
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया,
कि मै किसी झूठी *आस* में हूं.....!-
अगर प्यार से कोई
फूंक मारें तो बुझ जाएंगे,,
नफरत से तो बड़े-बड़े
तूफान बुझ गए मुझे बुझाने में........!-
इश्क़ करने वाले
आँखों की बात समझ लेते है,
सपनो में यार आए तो
उसे मुलाकात समझ लेते है..!
रूठता तो आसमान भी है
अपनी ज़मीन के लिए,
यहां तो बस लोग ही
उसे बरसात समझ लेते है......!-
ये जालिमें वफ़ा
आपका यूं हंस कर
'सत्तू जी' कह कर बुलाना ही
मदहोश कर देता है हमें .....!-
सुधर जाने की
फिर सोचता हूं जिसे
मै अभी इतना पसंद हूं
कही बदला हुआ
न लगने लगूं उन्हें............!-