Satyam Kumar   (©® :- किशना 📝)
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"लेखक नही हूं साहब...बस मुहब्बत है इक लेखक से...!" ❤️
Joined 24 March 2018


"लेखक नही हूं साहब...बस मुहब्बत है इक लेखक से...!" ❤️
Joined 24 March 2018
3 FEB AT 0:40

तुम्हारे स्पर्श की
अनुभूति ,
अब भी वसंत की
कोमल पंखुड़ियों सी है..|
क्या तुम्हें याद है
वह आखिरी मिलन..?
जब हमने अपनी अनगिनत
खामोशियाँ
तारों की चादर तले
सुनी थीं ..|
अब तुम नहीं हो ,
पर तुम याद आती हो....

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31 AUG 2024 AT 17:15

हम मिलेंगे कहीं …
पुरानी धूप छाँव जैसी यादों में
गुजरते वक्त के अल्फ़ाज़ों में …

एक दिन हम साथ होंगे ….
हर उस रिवायत को दरकिनार करते हुए
जो बैठी थी सामने हमारे
अपनी मर्ज़ी की मालिक बन कर
हम साथ होगें कभी
यक़ीं सा है मुझे
तुम्हें भी है क्या ?

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27 AUG 2024 AT 6:48

एक अरसा गुजर गया
उनके इंतजार में
ना संदेश आया, ना वो आए
ना ही उनकी कोई आहट हुई
आए तो बस उनके एहसास
वक्त के हर लम्हें में
बस इस आस में
कि कभी तो उनकी आवाज आयेगी
सुनो पागल..
और मैं बिखर पड़ूंगा...!!

#जिंदगी

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27 AUG 2024 AT 6:46

एक अजीब सा
ख्वाब और एक अजीब सी बिचैनी...
कभी कभी
कितना बिचैन
हो जाता है न ये मन..?
ये ख्वाबों को हकीकत समझकर कि
लिपट कर एक
दूजे के गले से
ढेर सारी शिकवा
शिकायतें मानों
जैसे सब खत्म
हो गया हो सिवाए
इस रिश्ते और इस
अपनेपन के.?
फिर नींद खुलते ही
उदास मन और ये
अलसाई आखें
सवाल करती खुद से
क्या अभी भी साथ है हम
क्या खत्म हो गए सारे गिले
शिकवे..क्या अभी भी बरकरार
होगा वो अपनापन..ये ढेर सारे सवाल
हकीकत में रूह को
कांपा देती है और फिर से..
एक ख्वाब ख्वाब बनकर ही
टूट जातें है। आखिर कितना
करीब आ जातें है न हम
एक दूजे के ख्वाबों में...
पर ये झूठे ख्वाब न.?
हकीकत में रुला देती
है हमें।

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27 AUG 2024 AT 6:42

उसकी बातें
उम्र भर साथ देने का वादा था
सारे सुख -दुख एकसाथ बाटेंगे वादा था
कोई था जो अपने वादे
से मुकर गया है..!

उसे
क्या पता एक उम्र आँखों मे इंतजार
लिये किसी की राह तकना!

अब
मै खुद से ही झगड़ता रहता हूँ
तुम्हे किसी भी हाल पर
याद न करने के
लिये...!

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29 MAY 2024 AT 20:08

सब कुछ
समेट लेना चाहता था
पर यह मुमकिन कहाँ था?
तो यूँ किया तुम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ
और तुम्हें
हृदय में रख
अलविदा कहा..। ❤

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7 MAY 2024 AT 20:48

तुम्हारे जाने के बाद एक वक़्त तक कितने अनकहे सवालों से उलझा रहा फिर किताबों ने ज़िंदगी में तुम्हारी जगह ले ली
जानते हो,ये बिना पूछे सब जवाब देती हैं
कभी रूठती नहीं..न मुरझातीं हैं
हर सफ़र में मेरे साथ चलतीं है कभी दूर जाने को भी नहीं कहतीं
नींद में भी सीने से लगकर सो जातीं हैं

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6 MAY 2024 AT 0:23

सोचता हूं कि जो चीजें नही रह जाती...वो ही क्यों रह जाती है हमेशा के लिए..!! 💙

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10 APR 2024 AT 14:24

कहाँ चाहिए था
हर वक़्त का साथ
बस एक तसल्ली कि
तुम नज़र आओ न आओ
बस हो मेरे आस पास
मेरे दुःख सुख में
दो चार क़दम साथ
चलने के बहाने
पनपतीं रहें कविताएँ
भले दरमियाँ खामोशी रहे
या अचानक तुम्हारी कोई चिट्ठी
जिसे पाकर जी भरकर इतराऊँ
कि कहीं मैं हूँ तेरे ख़यालों में
आज भी ज़िंदा
#मन_सा

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13 MAR 2024 AT 16:07

आज यादों की दराज़ खोले तो
पुराने ख़त मिले..
कुछ वादे और
बीती हुई मुलाकातें भी
वक़्त की सिलवटों में लिपटी अनगिनत लम्हें
कुछ मौसम
कुछ खुशबू...
और कुछ टूटे
अल्फाज भी...
कि ढूंढते ढूंढते सब मिले..
मगर तुम,
तुम न मिले..
हां, मिली जरूर तुम्हारी स्मृतियां
जिसे संजोए रखा है
इक अरसे से हमने
अपने फोन की गैलरी में।

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