द्वेष ईर्ष्या मलाल जल जाते,
मेरे वर्षों के ताप फल जाते,
उससे मिलते जो अबकी होली में,
उसके गालों गुलाल मल जाते|-
Satyam Dubey
(सत्यम शार्दूल)
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Poet, Lyricist
#अवधी_कविता
#KaviSatyamDubey
कविता का सफर है बस चलते जाना है ;
रुकना नहीं है ... read more
#अवधी_कविता
#KaviSatyamDubey
कविता का सफर है बस चलते जाना है ;
रुकना नहीं है ... read more
Joined 8 May 2018
18 MAR 2022 AT 7:45
21 JAN 2022 AT 15:53
लोग आये
लोग गये,
तुम भी आये
तुम भी गये,
पर मैंने-
तुम्हें-
जाने नहीं दिया|-
15 JAN 2022 AT 19:57
कल के विषय में सोचते पत्ते झड़ गये| कोई कहता झाड़ दिए गये नीम के द्वारा, कोई कहता नीम को अब भी लगाव है उनसे| पर पत्ते तो ठहरे पत्ते जल रहे ठंड में, अलाव के बीच|
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25 NOV 2021 AT 6:45
शर्त का कोई वंदन नहीं चाहता,
झूठ का आवलंबन नहीं चाहता,
जाइए आप उड़ियेगा आकाश में,
आपको अब मेरा मन नहीं चाहता|-
25 NOV 2021 AT 6:39
अब सहारे पे रहना नहीं चाहता,
झूठे सपनों में बहना नहीं चाहता,
जब लगी चोट टूटा मेरा दिल तो मन,
प्रेम पूजा है कहना नहीं चाहता|-