बड़ों का सम्मान करता हूं ,
गैरों से भी प्यार करता हूं।
जहां पर किसी से दिल ना मिले हमारा,
खामोशी से हूं निकलता न कोई सहारा।
🙏💔😊
Writer_satyam
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हमने भी अच्छा बनकर देखा है,
लोगों को अपना कहते देखा है।
सामने से मीठी बातें और प्यार देखा है,
पीठ पीछे खंजर अपनों का ही वार देखा है।
💔🗡️🥹
@Writer_satyam-
मैंने भी अच्छा बनकर देखा है,
लोगों को अपना कहते दिखा है ।
सामने से मीठी बातें और प्यार देखा है,
पीठ पीछे अपनों का ही खंजर देखा है।
💔🗡️🥹
@Writer_satyam-
मैं चलता रहूंगा पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊंगा।
या तो मंज़िल मिल जाएगी,
या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा।
@Writer_satyam-
मैं चलता रहूंगा पथ पर ,
चलने में माहिर बन जाऊंगा।
या तो मंजिल मिल जाएगी,
या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा।
@Writer_satyam-
यह प्यार मोहब्बत सब मतलब की बातें हैं
जब तक कोई और नहीं मिलता उन्हे
तब तक सिर्फ तुम्हारी ही बातें है
बस कुछ दिन की मुलाकातें फिर सब अंधेरी रातें हैं
💔💔🥹
@Writer_satyam
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कितने झूठे वादे करोगी कितने झुठी कसमें खाओगी
मुझे मालूम है एक दिन तुम मुझे छोड़ दोगी
गैरों का दामन थाम तुम मुझे तोड़ दोगी
💔🥹❤️🔥
@Writer_satyam
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पिता एक उम्मीद है एक आस है
बच्चों की हिम्मत और विश्वास है
पिता के बिना जिंदगी वीरान है
सफर तन्हा और राह सुनसान है
पिता के लिए और क्या लिखूं ,
उनकी ही लिखी हुई लिखावट हूं मैं।
वही मेरी जमीं वही आसमान हैं
वही खुदा वही मेरे भगवान हैं
Happy Father's Day ❤️🙏
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पिता एक उम्मीद है एक आस है
बच्चों की हिम्मत और विश्वास है
पिता के बिना जिंदगी वीरान है
सफर तन्हा और राह सुनसान है
पिता के लिए और क्या लिखूं ,
उनकी ही लिखी हुई लिखावट हूं मैं।
वही मेरी जमीं वही आसमान हैं
वही खुदा वही मेरे भगवान हैं
Happy Father's Day ❤️🙏
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कयामत की रात
लगी थी आज मुझे फिर
क़यामत की रात सी,
कुछ बिखरे जज़्बात थे
कुछ पहली मुलाक़ात सी,
मन हुआ व्याकुल मेरा
कैसे होगा जीना मेरा तुम बिन,
अंतर्मन व्यथित हुआ
जाने मुझसे क्या भूल हुई,
लगा आज मुझे
फिर क़यामत की रात हुई,
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