नज़र को नज़र से चुरा कर क्या करोगे
जब मोहब्बत ही उसकी झूठी हैं।
कभी उसकी तस्वीर देख कर नज़रो से नजर मिलाना,
तब सब झूठा ही नज़र समझ आ जाएगा।💔🥺👀-
बंजर जमीन में बारिश की बूंदो से फूल खिला है।
पुराने साल की विदाई में, नया संदेश मिला है।
संघर्ष के आगे सफलता लिखी हुई है।
तू हार ना मानना, हर साल नया गुजरता है।
आप को नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं 💯🎉-
हमारे मित्र हो तुम....
संघर्ष से लड़ना सीखा हैं।
जब से मिले हों तुम,
किसी से कहना मत,
कितना बदले हो तुम।
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गुम कर दिया है खुद को....
सपने सजाने मैं
मौसम सा बदलता खुद को।
पर संस्कार दिए थे मां बाबा ने।
की रहना तू निर्मल पानी सा।-
किसान .....
बंजर भूमि को खेत बनाया किसान ने हैं।
अनाज बोकर हरित क्रांति लाया किसान ने हैं।
तब जा कर जय जवान जय किसान का नारा,
सारे देश वासियों ने उची आवाज़ से लाया हैं।-
बदनाम ना हो जाए कहीं, तो दूर हुआ इश्क से।
दोस्ती रहें सलामत हमारी, तो खुद दूर हो गए तुमसे🥺💔-
दुनिया काम आने पर याद करती हैं।
एक वो मां ही हैं...जो हर पल ख्याल रखती हैं।-
ना सूर्य बदला, ना चांद बदला।
ऊपर है जो, आसमान ना बदला।
ज़मीन पर हवा फिर ऐसी क्यों चली,
की हर एक इंसान बदला।
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ये दोस्त दोस्त विचार बदला मन बदला।
ख्याल आया तो दिल भी बदला।
प्रेम नफरत में बदल गया।
इतना समय कहा है समय के पास की
नफरत को फिर से प्रेम में बदल दे।
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दुनिया अच्छी विचारो से।
शहर से अच्छा गांव हैं।
पार्क से अच्छा खेत हैं।
घर से अच्छा मंदिर हैं।
इंसान से अच्छा व्यवहार हैं।
अमीर से अच्छा गरीब हैं।
हम गांव से हैं साहब..
हमसे अच्छा हमारा संस्कार हैं-