महीना ये बड़ा पावन आया है।
मेरे महादेव का सावन आया है।-
"होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा।।"
भावार्थ-
जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा।
तर्क करके कौन शाखा (विस्तार) बढ़ावे।
जय श्री राम 🚩🚩
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किसने कहा लड़के रोते नही,
कभी आँखों को पूछना,
कितने आँशु उसने पिये हुई है।-
तू आदि है,
तू अनन्त भी।
तू रूठा तो महाकाल है,
तू सौम्य है तू शांत भी।
तूझमें सब है,
और सब मे है तू।
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किसीने मुझ से पूछा:-
कभी देखा है लोगों को
किसी राजा को भगवान के भांति पूजते हुए।
जवाब में मैंने "छत्रपति शिवाजी महाराज" कहा।-
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!-
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई।-
दिल कि दिल से दिली तम्मना है,
की युही किसी अनजान को मत दिया कर।
तू तो आँखें लड़ाकर चला जाता है,
आंखों के मायाजाल में फसना तो मुझे ही पड़ता है।-
जब लफड़े तुम करो,
और तुम्हारे लिए जो लड़े,
वो होता है भाई।
जब खाना तुम खाओ,
और रेस्टोरेंट में बिल जो भरे,
वो होता है भाई।
जब आप गलती करो,
और हर्जाना जो चुकाए,
वो होता है भाई।
~सत्यम
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बिते हुए साल ने बहुत कुछ बताया था।
पुराने लोगों के नए वैरिएंट से मिलाया था।
कोरोना के डेल्टा,डेल्टा प्लस जैसे वैरिएंट से,
हमे लड़कर जितना सिखाया था।
अब नए साल में नया आगाज भी करना है।
अधूरे कामों को तमाम भी करना है।
नए रूप में अब आया है वही कोरोना।
ओमिक्रोन से भी हमे लड़ाई लड़ना है।
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