Ek dil hee to toota hai Aur to koi baat nahi
Ek saath hi to choota hai Aur to koi baat nahi
Ek khwab sajaya tha barso se in aankho me
Wo khwab hee to jhoota hai Aur to koi baat nahi
Ek shaqks tha jise mai apna samajhta tha
Wo hamesha ke liye rootha hai Aur to koi baat nahi
Sab chupana hai....Sabse chupana hai
lekin...
Ye bahana hee to jhoota hai Aur to koi baat nahi-
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…
Te... read more
ना जाने इस जिद्द का नतीजा क्या होगा
समझता दिल भी नहीँ तु भी नहीँ मैँ भी नहीँ ।-
महका हूं मै भीग कर उसकी ओस में,
सोचो गर बरस जाती तो क्या कमाल होता।-
मुस्कुराने का उसका ये अंदाज कितना छबीला था
बाहर से खुश दिख रहा था वो जो अंदर अकेला था।-
कुछ रिश्ते उम्र भर अगर बेनाम रहे तो अच्छा है,
आँखों आँखों में ही कुछ पैगाम रहे तो अच्छा है,
सुना है मंज़िल मिलते ही उसकी चाहत मर जाती है,
गर ये सच है तो फिर हम नाकाम रहें तो अच्छा है,
जब मेरा हमदम ही मेरे दिल को न पहचान सका,
फिर ऐसी दुनिया में हम गुमनाम रहे तो अच्छा है।-
एक साल ऐसा भी हो जब हम तुम वापस मिल जाएं
तरकश में जो तीर बचे थे सारे के सारे चल जाएं
एक साल ऐसा भी हो मैं तुझको जी लूँ रिश्तों में
एक उम्र तुम्हारे साथ भी हो जो अब तक काटी किश्तों में
एक साल ऐसा भी हो तेरी मुझ पर ज़िम्मेदारी हो
जहाँ से हमने छोड़ा था वो प्यार वहीं से जारी हो
एक साल ऐसा भी हो जो बस कमाल की तरह हो
पहली बार मिले जिस साल उसी साल की तरह हो
एक साल ऐसा भी हो धरती पे पग न रख पाऊँ
मैं खुद को ऐसे देखूँ कि तुझसे अलग न रख पाऊँ
एक साल ऐसा भी हो आंखों से तेरी नींद डरे
और हम तुम दोनों मिल जाएं तू भी ये उम्मीद करे-
आज तो मीलों दूर हैं हम, पर तब का ज़माना और ही था
हर रोज कहीं खो जाते थे ,खोने का मज़ा कुछ और ही था
उनसे मिलने की आशा में ,जाते थे मिलों दुर यूँही.
जिस रोज हमें मिल जाती थी,मिलने का मज़ा कुछ और ही था
हर रोज ही लड़ते रहते थे, अन्दर से प्यार झलकता था
हर रोज रूठ वो जाते थे,अंदाज-ऐ-अदा वो और ही था
पानी पीकर आते थे वो ,और प्यास हमें लग जाती थी
होंठो से टपकता पानी वो ,पीने का मज़ा कुछ और ही था-
Kya baat kru
mere pas kuchh sunane ko nahi...
Aas unki hai jo laut k aane ko nahi..
Ab nahi lagta dar kisi baat se...
Ab mere paas kuchh toot jane ko nahi...
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आधे से कुछ ज्यादा पूरे से कुछ कम
कुछ ख्वाब कुछ ग़म कुछ जिन्दगी कुछ हम...-