बात सिर्फ इतनी थी,एक वक़्त कुछ मायने रखता था।यक़ीन तो आप पर कभी नहीं था,मगर आप पर यक़ीन करने का मन ज़रुर करता था।।आखिर सही कहता है ज़माना,नशा खराब कर देता है।शराब का हो या मेहबूब का,बरबाद कर देता है।। - Satya
बात सिर्फ इतनी थी,एक वक़्त कुछ मायने रखता था।यक़ीन तो आप पर कभी नहीं था,मगर आप पर यक़ीन करने का मन ज़रुर करता था।।आखिर सही कहता है ज़माना,नशा खराब कर देता है।शराब का हो या मेहबूब का,बरबाद कर देता है।।
- Satya