Satya Suman   (Satya Suman)
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Joined 3 September 2018


Joined 3 September 2018
15 FEB AT 19:23

हक़ीक़त वो है जिसे रोज़ जिया जाता है
वो नहीं जिसे सिर्फ सराहा जाता है,
कुछ मुखौटे अच्छे भी हैं दोस्त
वरना सिर्फ साँच से तो कहाँ निभाया जाता है...

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12 FEB AT 20:59

जब भीगे शब्दों को सहलाया था तुमने।

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3 FEB AT 23:57

not only senses what is unexpressed...
But also lends one's hand for what is unasked.

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3 FEB AT 19:22

ख्वाहिश को पाने की गुज़ारिश है...
किसी फरमाइश को जीतने की सिफ़ारिश नहीं।

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2 FEB AT 7:14

इन सहेजी हुई यादों को बेहद सलीके से पिरोया है...
हर एक मुस्कुराहट के पीछे भी तू तार - तार रोया है।
ये न समझना कि एहसास नहीं है हमें...
तेरे हर एक शब्द ने धीरे से ही सही पर हमें भी झिंझोड़ा है।

तू बुलंदी पाए, हर किसी के दिल में जगह बना जाए...
दुआ है बस यही की जहां कहीं भी वो हों_
तुझे देख... गर्व और शान से भरते ही जाएं।

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30 APR 2022 AT 21:39

तुम यूँ आए... मन मुस्काया,
तुम्हें देख-देख फिर हर्षाया|

नन्हे- नन्हे कदमों से एक प्यारा सा एहसास लिए,
इंद्रधनुष सी सजी हुई खुशियाँ भी तुम संग लाए |

चंगा कर दिया तन और मन,
भर दिया मानो यह जीवन |
सुख- दुःख दोनों मिले से थे,
अश्रु छलके, होंठ सिले से थे |

उम्‍मीद नई जो तुमने दी,
सोहबत की छवि भी झलका दी |
रूप कई तुम में देखे हमने,
लगा जिन्हें खोया था...
बस एक तुम में पा लिया हमने |

तुम यूँ आए... मन मुस्काया,
तुम्हें देख-देख फिर हर्षाया|

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30 APR 2022 AT 12:32

रात एक खिड़की है,
न संभाला तो एक झिड़की है|

इसकी देहली पर है आज का विश्‍लेषण,
एक ओर है बीते कल का विमोचन,
तो दूजी ओर आने वाले कल का संश्लेषण |

हर विचार को संकलित कर,
जीवन-पथ पर हो अग्रसर |

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29 APR 2022 AT 11:53

आप तो चले गए...
जाने क्या-क्या ले गए!

माँ की ममता-दुलार,
बहन की राखी का प्यार|

पिता केे सपनों की टीस,
बच्चों के माथे की आशीष|

भार्या के जीवन का साथ,
भाई केे कांधे का हाथ|

मुट्ठी भींच, मन मसोस कर रह जाता है...
फिसलता हुआ रोका नहीं जाता है|

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18 NOV 2019 AT 20:57

आग लगाई भी उसने, दर्ज कराई भी उसने,
खलबली मचा फिर बुझाई भी उस ही ने|
हृदय जो थरथराया, भावनायें जो कपकपाईं,
दिया सहारा भी उसने, चेतना जगाई भी उस ही ने|

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23 APR 2020 AT 15:56

तेरी हंसी जैसी खनक इस जहाँ में दूसरी नहीं,
हाँ...तेरी जैसी "चहक" मेरे लिए किसी और पंछी की नहीं|

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