मदहोश करती है तुम्हारी ये हंसी कातिल।
वक्त रूक्स्त पे भी क्या यूं मुस्कुराओगे ॥
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A published poet and author.
My book "च... read more
गुम हुई नींद और मिली ये रातो की बैचैनी
आगाज ए इश्क में और क्या क्या सिला दोगे॥
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शुष्क नदी के रेत पर नौका का का अर्थ ।
ज्यूँ ड्योढ़ी पे खीजता अश्व बिना रथ व्यर्थ॥-
खरी खोटी
कहने को बात है छोटी सी
सुनने में थोडी खोटी सी
दुनियां में कौन पराया है
दुश्मन घर में हीं मिल जाते है॥
धरती का धीरज जग जाहिर
और शांत समंदर दिखता है
दोनो के सीने में है भूकंप दफन
तब अतिशय में पर्वत हिल जाते है ॥
कुदरत के खेल निराले है
ये खेल मेल सब किसमत के
सावन में जो पानी को तरसे
सहरा में गूल खिल जाते है ॥
सत्य प्रकाश शर्मा "सत्य "
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मुस्करा कर ग़म का घूट जिसको पीना आ गया।
ये हक़ीक़त है जहॉ में उसको जीना आ गया॥-
॥ ॐ श्री दुर्गायै नमः॥
धैर्य ,(शैलपुत्री) आत्मविश्वास ,(ब्रह्मचारिणी ) सृजन ,(चन्द्र घंटा) प्रेम, (कूष्माण्डा) शौर्य,(स्कन्धमाता) सत्य,(कात्यायनी) उदारता,(कालरात्रि) निर्भयता, (महागौरी) शुभ आचरण (सिद्धिदात्री) । इन नौ अति विशिष्ट गुणो का प्रतीक, शरद ऋतु का आरम्भ , नव रस, नव चेतना नयी ऊर्जा , माँ दुर्गा की पूजा द्वारा नवरात्र काल से मेरे भारत मे होता हैं ।
आप सभी मेरे प्रिय जनों मे ये सभी गुण जाग्रत हो । बेटियो और स्त्री के प्रति पवित्र भाव और सम्मान संरक्षण का भाव बने । इस कामना के साथ
निवेदन और नवरात्र पर्व की बहुत बहुत शुभ कामनाएं 🙏🙏
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जीवन दर्शन मेरी ऩजर से ..
उतार चढ़ाव ,समस्या ,चुनौतियां, चिंता किसके जीवन में नहीं है? सबके हीं है । परंतु सभी तो इनसे हार कर नहीं बैठ जाते है । फ़िर आप क्यूँ? एक हीं मार्ग है । सतत प्रयास करों शेष ईश्वर को सौप दो। ईश्वर सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी है । निश्चित आपको सफलता से पहले सुख की अनुभूति मिलेगी।
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सुनसान है
सन्नाटा है
अंधेरा है ।
अजीब अहमक हो!
यार ,नए नए हो ?
इस बियाबान में रोशनी चाहते हो !-
सुकून चाहते हो!
बावरे हो गये हो ?
ये पत्थरो का शहर है जनाब
यहॉ हवा हीं फ़ितरतन गर्म चलती है ॥-
जीवन दर्शन मेंरी ऩजर से ..
किसी दूसरे के दुःख का नहीं बल्कि उसकी खुशी और मुस्कुराहट का कारण बनो । ईश्वर का वचन है, आपके जीवन में कभी दुःख नहीं आएगा।
प्रणाम 🙏🌷🙏-