कट रही है जिंदगी, "काट" रहे हैं लोग
सब की अपनी दिक्कतें, सबके अपने रोग ! !
-
Satish Kanaujiya
(Nachij Klam)
23 Followers · 7 Following
Nothing Special about me.
#SoftwareDeveloper
#FreeTimePoet
खुशनसीब हुँ, थोड़ी अदब से लिखता... read more
#SoftwareDeveloper
#FreeTimePoet
खुशनसीब हुँ, थोड़ी अदब से लिखता... read more
Joined 29 March 2017
24 OCT 2023 AT 23:16
27 JUN 2020 AT 21:36
चहल कदामियाँ नहीं हो रही अब मधुशाले में
लोगों को क्या जीवन का मूल्य समझ में आ गया ??
-
12 JUN 2020 AT 12:25
है जो मेरी अहमियत तुम क्या खाक जानोगी,
हीरे पहचानने की इल्म तुममें कहां ।।-
9 JUN 2020 AT 2:08
मेरी एक हसीं से कई लोग पहचाने गए,
खुशी ना देख सके वो मेरे कई सवाल दागे गए॥-
25 SEP 2019 AT 22:05
फरेबी इस दुनियां में पहचान मैं किसका करू ,
पल भर में हैँ रुप बदलते, दो पल में चोले । ।
post_60
-
22 DEC 2018 AT 18:45
उस मधुशाला के क्या कहने
जो हज़ारो ग़म भुलावाती हैं
लाख दुःखो के बावज़ूद भी
शुखद अहसास कराती है । ।
post_59-
21 DEC 2018 AT 18:14
मेरे गुनाहों का इतनी बड़ी सज़ा
मत दे वो मेरे ख़ुदा,
अफसोस मेँ हमने बहुत ही
आंशु बहाए हैं । ।
post_58
-
17 DEC 2018 AT 16:11
Well, I am not an animal lover but I like "Black Dog".
Post_57-
15 DEC 2018 AT 13:05
अपना तो हर दिन एक जैसा है
फिर भी लोग जाने क्यों पुछते हैं
तेरा हाल कैसा है । ।
post_55-