खूब लड़ी मर्दानी वो झांसी वाली रानी थी
लेकिन इस कलयुग में हार गई वो नारी जो झांसी वाली रानी थी
इन गद्दारो से
इन मक्कारो से
इस देश के उलझे हुए कानूनों से
लड़ न सकी वो बेचारी नारी जो झांसी वाली रानी थी
माँ थी बेटी थी बहन भी थी किसी भाई की
अभी आती हु कह कर गयी और लौट के वापस न आयी वो
उन्ही हातो से चिता जलाई बाप ने जिन हातों में वो खेला करती थी
छोड़ गई वो आँचल माँ का जिस आँचल में वो सोया करती थी
खूब लड़ी मर्दानी वो झांसी वाली रानी थी।
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फिर एक बार मिलना है तुमसे पहली बार की तरह
फिर एक बार मिलना है तुमसे पहली बार की तरह
वो पहली बार वाली घबराहट
वो पहले शब्द बोलने के पहले की हड़बड़ाहट
और उसी हड़बड़ाहट पर हस्ती हुई तुम
ये सब जीना है पहली बार की तरह
कुछ किस्से अधूरे रह गए है पहली मुलाकात के
कुछ किस्से अधूरे रह गए है पहली मुलाकात के
उसे पूरा करने के लिए फिर मिलना है तुमसे पहली बार की तरह-
बाप एकदा गेला की पुन्हा कधीच येत नाही
त्याच्या सारखी साथ पुन्हा कोणीच देत नाही
लोक येतात सहानुभूती देतात आणि निघून जातात
लोक येतात सहानुभूती देतात आणि निघून जातात
पण साथ मात्र कोणीच देत नाही
बाप एकदा गेला की तो पुन्हा कधीच येत नाही
बाप एकदा गेला की तो पुन्हा कधीच येत नाही ती माया लावायला आपुलकीने जवळ घ्यायला जीव लावायला
बाप एकदा गेला की पुन्हा कधीच येत नाही
-: सर्वेश देशमुख-
तुम आना किसी रोज़ तुम्हे मोहब्बत की एक बात सुनाऊंगा मेरे जिंदगी भर की ख्वाइश तुम्हे एक साथ सुनाऊंगा
वो ख्वाइश वो ख्वाइश बस इतनी की मेरे हाथों में चाय की एक प्याली हो और तुम उसे बनाने वाली हो
वो ख्वाइश बस इतनी की मेरे हाथों में तुम्हारा हाथ हो और दूरियां सारी पूरी एक साथ हो
वो ख्वाइश बस इतनी की किसी चांदनी रात में तुमसे मुलाकात हो और फिर जरासी दिल की बात हो और फिर मुलाकात हो
वो ख्वाइश बस इतनी की इस बार मिलो तो तसल्ली से मिलो इसी ख्वाइश इसी सपने को पूरा करने के लिए मिलो
इस बार जो मिलो तो तसल्ली से मिलो...
- सर्वेश देशमुख-
तुम मेरे जिंदगी के चांद का वो काला दाग हो जो छूप तो सकता है लेकिन मीट नहीं सकता— % &— % &
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तुम्हारी याद भी आजकल जुकाम सी हो रही है
हर एक दो सप्ताह में आहिजाति है...-
फिर पुराने ज़ख्म कुरेदे जा रहे है
लगता है किसी की याद में रोए जा रहे है
भूल गया होगा हमे वो अबतक
फिर भी उसे ही याद किए जा रहे है...-
हर आपना तुम्हारा चाहनेवाला नहीं होता
और
हर चाहनेवाला तुम्हारा आपना नहीं होता-
फटी हुई जेब
टूटा हुआ दिल
और
टपकती आँख दुनिया की हर किताब से बड़ा ज्ञान देती है-
महफूज रखा है आज भी हमने तुम्हे आपने दिल के एक छोटेसे हिस्से में जहाँ आज भी सिर्फ तुम्हारा ही हक़ है...!!
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