SArvesh Chouhan   (SAR√ESH_)
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Joined 6 April 2019


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Joined 6 April 2019
27 FEB 2022 AT 13:36

यूँ हर घड़ी याद आ आके मुझें सताया ना करो,
मेरे दिल को अपनी यादों से दुखाया ना करो ।

मेरी आँखें भीग जाती हैं तुझें तसव्वुर करके,
मेरे ज़ेहन में पल पल यूँ आया जाया ना करो ।

माना कि लाज़िमी हैं मोहब्बत में रोना भी,
मगर खुद को और मुझे ऐसे रुलाया ना करो ।

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27 FEB 2022 AT 0:08

क्या बताऊँ की किस वजह से
मैं उसे इतना प्यार करता हूँ ।
जब जब उससे मिलता हूँ
तब तब इश्क़ का इज़हार करता हूँ ।

उनकी निग़ाहें नाज़ क्या कहिये
उनकी नशीली आवाज़ क्या कहिये
उनकी अदा और अंदाज़ क्या कहिये
तेरा सरापा बयां करना मेरे बस में नहीं
ग़ज़लों में मुक्तसर ही शुमार करता हूँ ।।

बस मैं तुझे प्यार करता हूँ ।।।

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26 FEB 2022 AT 0:50

जब हम मिलें थे
तेरी साँसों से महक गया था मैं,
तेरी बाहों में बहक गया था मैं ।
तेरी गोद में सर रख सोया था ,
उस दिन जब थक गया था मैं ।

जब हम मिलें थे

मेरे कांधो पर सर था तेरा,
मेरे कर में कर था तेरा ।
वो दिन मैनें तेरे नाम किया,
उस दिन मुझपे असर था तेरा ।

जब हम मिलें थे ।

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24 FEB 2022 AT 17:43

तेरी नज़रों ने समझा, तेरे दिल ने जाना मुझे,
वरना कहाँ किसी को मुझसे प्यार होता ।

हम थे जो तेरी पहली नज़रो के तीर झेल गये,
कोई और होता तो उसके दिल के पार होता ।

तू मिला तो ज़िन्दगी, ज़िन्दगी लगती है,
ना तो पहले जैसा मेरा जीना बेकार होता ।
💝

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23 FEB 2022 AT 18:22

किसी बचपन के फ़लसफ़े के जैसे तू मुझें याद रहें
यू हीं बस मेरी ज़िंदगी के लिए ही तू ईज़ाद रहें ।

ना छायें तेरे चेहरे पर ग़मो के बादल कभी,
तू हमेशा मुस्कुराती रहें सदा ही शाद रहें ।

बस मेरे प्यार के बंधन में जन्मों तक बंधी रहें,
वगर्ना तू तो हवाओं की तरह आज़ाद रहें ।

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20 FEB 2022 AT 18:45

ज़िन्दगी क्या हैं मैंने तेरे खाके में ढ़ल कर देखा
सिर्फ तेरे लिए ही मैंने खुद को बदल कर देखा ।

प्यार की सुनहरी राहों पर पहली पहली दफ़ा,
कुछ कदम ही सही पर साथ तेरे चल कर देखा ।

लड़खड़ा रही थी ये हयात एक मुद्दत से सनम,
मिला तेरे कांधो का सहारा तो संभल कर देखा ।

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18 FEB 2022 AT 1:09

दिल में कितना प्यार है तुझें दिखायें कैसे
अल्फ़ाज़ भी खामोश हैं तुझें बतायें कैसे ।

तेरे होने से है मेरी दुनिया में बहार,
तेरे होते हुए ये गुलशन मुरझायें कैसे ।

तेरी खुशियों से ही है मेरी खुशियां,
तू खुश रहा कर ये तुझे समझायें कैसे ।

तेरे बिना ये शहर मेरा वीराना सा हैं,
तुझें तेरे शहर से मगर यहाँ बुलायें कैसे ।

मुझें मेरे ये शेर सबसे पहले तुझें सुनाने हैं,
तू दूर हैं इतनी की तुझें ग़ज़ल सुनायें कैसे ।

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15 FEB 2022 AT 21:56

तेरे लिए ही हैं ये ज़िन्दगी मेरी
तुझसे ही है हर खुशी मेरी ।

मुझें क्या ज़रूरत किसी नशे की,
तेरी आँखों से ही है मयकशी मेरी ।

तेरे सिवा किसी और को नहीं चाहा,
बस एक तू ही हैं आशिक़ी मेरी ।

तुझें देखने को हर दम बेताब हूँ,
तेरी एक झलक ही हैं तिश्नगी मेरी ।

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13 FEB 2022 AT 22:05

मेरी निग़ाहों को बस तेरी जुस्तजू हैं
मेरे दिल को बस तेरी ही आरज़ू हैं।

करीब तेरे हुआ था मैं उस दिन को
मेरी साँसों में अब तेरी ही ख़ुश्बू हैं।

कहता फिरता हूँ तेरी अच्छाइयों को,
हर किसी से बस तेरी ही गुफ़्तगू हैं ।

मेरे सामने चमकता रहता है तेरा चेहरा,
जैसे मेरी आँखों के सामने कोई जुगनू हैं ।

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12 FEB 2022 AT 22:30

नहीं रहा मुझें अब कोई क़िस्मत से गिला,
मेरी इतनी खुशनसीबी की मुझे तू मिला ।

ना कभी कोई ग़म कर, ना हो कभी नाशाद
हमेशा तू खुश रहे, रहे तेरा चेहरा खिला खिला ।

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