Sarthak Singhai   (Sakshi)
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Joined 6 October 2020


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Joined 6 October 2020
9 FEB 2022 AT 18:18

भूले बिसरे से ये किस्से,
क्यों बेवक्त याद आते हैं,
होंठों पे कभी मुस्कराहट,
तो नैनों में कभी नमी लाते हैं..

अखरे किसी की मौजूदगी तो,
क्यों ये किसी की कमी बताते हैं,
वापस नहीं आते फिर भी,
क्यों बीती बातें जताते हैं !!

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23 APR 2021 AT 13:59

अंधेरे
इस कमरे में
उजाले के लिए
बस एक झरोखा
चाहिए…..

जिंदगी
को बेहतर
बनाने के लिए
अब बस एक मौका
चाहिए…..

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9 JAN 2021 AT 16:12

दिल
का चैन
और सुकून हो ..
तुम
नमी और
कोहरे भरी
सर्दी में
कड़कती धूप
हो तुम..
ये दिल है
तुमसे
और दुनिया
भी तुम..!!


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7 NOV 2020 AT 19:41

कुछ
गीत
अपने गाऊ..
या कुछ
तुम्हे भी सुनाऊ..
महफ़िल
ये जिंदगी की
यूं ही
हसीं बनाऊ..
खुशियों
को यूं ही बांटू
और
दर्द कुछ मनाऊ..
यूं गीत
गुनगुनाते
आगे मैं बढ़ता जाऊ..





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9 OCT 2020 AT 22:01

Thanks for liking me sumegha

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1 JUL 2021 AT 11:17

हम ख़ामोश रहते हैं , कोई दिखावा नहीं करते,
आने वाले अगले क़दम किसी को बताया नहीं करते।

तुम पूछते हो हमसे क्यूं चुप हैं हम,
अब नाराजगी भी अपनी हम जताया नहीं करते।


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26 JUN 2021 AT 13:13

कभी सत्य का कभी शौर्य का,
ये कर्मयुद्ध ये धर्मयुद्ध..
कभी कृष्ण का,महावीर का कभी बुद्ध का!!

कभी जीत का कभी क्रोध का,
ये कर्मयुद्ध ये धर्मयुद्ध..
अध्यात्म का, परमात्म का कभी आत्मा की शुद्धि का!!

साक्षी...
@sun zindgi




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18 JUN 2021 AT 15:37

मेरे वजूद की लड़ाई खुद मुझसे है
किसी और का अफसोस मैं क्यूं लूं…!!

ये जो कामयाबी मैंने खुद से लिखी है
किसी और को मैं सबूत क्यों दूं...!!

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17 JUN 2021 AT 7:57

बेवजह खुश रहना सीख लो,,
वजह वैसे भी बहुत महंगी है आजकल।।

@sun zindgi

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15 JUN 2021 AT 13:48

न जाने किस ओर जाती है,
ये सड़कें जाने कहां मुड़ जाती है,
मुझे तो मेरे सफर को जाना है,
पर ये उनका पता कहां बताती है..!

मुझे तो कोई ऐसी डगर चाहिए,
जो तेरे रास्तों का पता बताती है,
और ज़िन्दगी के अधूरे सफ़र को,
तेरे नाम की मंजिल तक ले जाती है..!

Sakshi ...


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