कोई बचने का नहीं सब का पता जानती है
किस तरफ़ आग लगाना है हवा जानती है
-मंज़र भोपाली-
चेहरे की हँसी दिखावटी सी हो रही है,
असल जिंदगी भी बनावटी सी हो रही है।-
हम जैसो का कोई साहिल नही होता है,
हमारा पूरा जीवन बस मजधार में ही गुजरता है!
हम भी चाहते है अपने गम किसी से बाँटना,
पर हम जैसो का कोई आशिक़ नही होता है!-
हवाओं में अपनी खुशबू मिला उसे अफीम कर देती है,
कभी खुद को अनारकली तो मुझे सलीम कर देती है।
और उसे जरूरत नही किसी भी साजो श्रृंगार की,
आंखों में काजल लगा कर खुद को आफरीन कर देती है।
और वो पूछती है किसके लिए लिखते हो जनाब
बस ये कह कर वो मेरी शायरी की तौहीन कर देती है।
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मुझसे तजुर्बे मत पूछो जिंदगी के...
उम्र मेरी शर्मिंदा हो जाएगी..-
घड़ी भर भी तन्हा होने नही देती,
ये तेरी यादें मुझे सोने नही देती..!-
हरगिज़ गलत निगाह से परखा न कर मुझे,
मैं तेरा हो चुका हूँ सोचा न कर मुझे..!-
क्या बोला मुझे खुद को तुम्हारा मत कहना ?
ये बात कभी मुझसे दुबारा मत कहना..!-
पागल कैसे हो जाते है देखो ऐसे हो जाते है,
औरों से होना मुश्किल है तेरे जैसे हो जाते है..!-